प्रदेश में देशभर की तरह कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. इसके बावजूद प्रदेश सरकार आर्थिक गतिविधियों को बंद करने के मूड में नहीं है. इसकी वजह से ही राज्य सरकार लॉकडाउन या कोरोना के पक्ष में बिल्कुल नहीं है, लेकिन सरकार पर कुछ पाबंदियां बढ़ाने का दबाव जरूर आ चुका है. दरअसल हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस रिपोर्ट में कोरोना की तीसरी लहर के बारे में विस्तार से बताया गया है.
आइआइटी कानपुर द्वारा यह रिपोर्ट जारी की गई है. आइआइटी की इस रिपोर्ट में फरवरी के पहले सप्ताह में तीसरी लहर के पीक पर होने का अंदेशा जाहिर किया गया है. इस कारण प्रदेश में बंदिशें बढ़ाने की मांग उठने लगी है. इस रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार अगले हफ्ते समीक्षा कर नई गाइडलाइन ला सकती है. इसमें बड़े बाजार, शॉपिंग मॉल्स, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क जैसे भीड़भरे सार्वजनिक स्थलों को लेकर सख्ती बढ़ाई जा सकती है.
सख्ती बढ़ाने पर विचार करने की एक बड़ी वजह ये भी है कि प्रदेश की सरहद पर चिंता ज्यादा दिखाई देने लगी है. मध्यप्रदेश से जुड़े किसी भी राज्य की सीमा पर न तो थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य हुई है और न क्वारंटीन या टेस्टिंग सेंटर बन सके हैं. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर टेस्टिंग हो रही है, लेकिन सीमा से लगे इलाकों में अभी रोकथाम नहीं हो पाई है.