राज्य में विशेष भर्ती अभियान की शुरूआत 19 सितम्बर 2002 से हुई थी। इसका मकसद यही था कि इस वर्ग के लोगों को नियुक्ति देकर रिक्त पदों की पूर्ति की जाए, लेकिन योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने से ये पद रिक्त रह गए। इसके बाद 11 जुलाई 2005 से कुछ समय के लिए फिर से अभियान के तहत नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसके बाद समय-समय पर विशेष भर्ती अभियान चलाया जाता रहा, लेकिन पद रिक्त ही रहे हैं। अब राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों सहित कलेक्टर, कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं कि आरक्षित रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निर्धारित तिथि में की जाए।