दरअसल, नगर निगम रीवा में करीब 1100 हितग्राहियों को बीएलसी घटक (बेनिफिशरी लैंड कंस्ट्रक्शन)के तहत राशि जारी की गई थी। इसमें योजना का पैसा एएचपी प्रोजेक्ट के ठेकेदार को दे दिया गया, जिससे हितग्राहियों को राशि नहीं मिल पाई थी। इसके तहत तीन सौ से ज्यादा हितग्राही सरकारी मदद से वंचित हो गए थे। इस मामले में शहरी विकास एवं आवास विभाग ने जांच की, तो प्रांरभिक रूप से घोटाला होना पाया है। इसके बाद जांच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन-कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी को भेज दिया गया है।
इस पर अब सामान्य प्रशासन-कार्मिक नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है। वहीं दूसरा मामला जलापूर्ति से जुड़ा है। इस मामले में यादव ने जलापूर्ति करने वाले ठेकेदार को सहयोग नहीं किया, जबकि नियमानुसार प्रोजेक्ट में निगम को सहयोग करना था। इस पर शहरी विकास एवं आवास विभाग ने यादव को शोकाज नोटिस जारी कर दिया है। दोनों ही मामलों में अब यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं।