एसी बंद होने से थोड़ी ही देर में डॉक्टर और मरीज पसीने में तरबतर हो गए। एेसे में डॉक्टरों ने ऑपरेशन छोड़ पहले जोड़तोड़ कर एसी ठीक किया इसके बाद जैसे तैसे ऑपरेशन पूरा किया। यह तो शुक्र है कि पसीने के कारण मरीज को कोई गंभीर इंफेक्शन नहीं हुआ, मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। दरअसल ग्वालियर के रहने वाले जितेंद्र को हार्ट ब्लॉकेज बताया गया था। जांच के बाद मंगलवार को ऑपरेशन किया गया। जिस समय ऑपरेशन चल रहा था ओटी के चारों एसी ने काम करना बंद कर दिया। हालांकि डॉक्टरों ने विषम परिस्थितियों में भी बिना किसी परेशानी मरीज का सफल ऑपरेशन किया।
कई वार्डों में बंद पड़े हैं एसी और कूलर
इ स भीषण गर्मी में हमीदिया अस्पताल के मरीज किस स्थिति में रह रहे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई वार्डों में एसी तो छोड़ कूलर तक नहीं है। जहां कूलर हैं वहां इनमें पानी नहीं होता तो यह गर्म हवा फैकते हैं। कार्डियक आईसीयू के भी एसी बंद पड़े है कुछ मरीज और उनके परिजन बरामदे में पड़े हैं।
हो सकता था गंभीर इंफेक्शन
ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह से संक्रमण रहित क्षेत्र होता है। पसीने की एक बूंद भी ऑपरेशन वाले हिस्से पर चली जाती तो मरीज को जानलेवा संक्रमण हो सकता था। यही नहीं इससे मरीज की जान जाने का खतरा भी हो जाता।
कोई केबल ही काट कर ले गया
एसी बंद होने की जानकारी के बाद जब जांच कराई गई तो पता चला कि कोई व्यक्ति एसी की केबल ही चोरी कर ले गया। इसके चलते एसी बंद हो गए। सुरक्षा एजेंसी इस बात की जांच कर रही हैं कि कौन इसे चोरी कर ले गया।
एमसीआई भी जता चुका है आपत्ति
मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया ने अपने निरीक्षण के दौरान कार्डियक आईसीसीयू एयरकंडीशंड न होने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। एमसीआई नियम के तहत आईसीसीयू यूनिट, ओटी एयरकंडीशंड होना जरूरी है। इस समय भी कार्डियक यूनिट के 3-4 कूलर बंद पड़े हैं।
यह जानकारी मिली थी कि एसी खराब हो गए हैं। उनको ठीक करा लिया गया है। अब नए भवन में सेंट्रल एसी सिस्टम लग रहा है इससे दिक्कत खत्म हो जाएगी।
-डॉ. एके श्रीवास्तव, अधीक्षक हमीदिया हॉस्पिटल