scriptIndian Railway- नए नियमों के साथ सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट में फिर मिल सकती है छूट, ये है सरकार का नया प्लान! | government is once again considering to restore concessions in railway | Patrika News

Indian Railway- नए नियमों के साथ सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट में फिर मिल सकती है छूट, ये है सरकार का नया प्लान!

locationभोपालPublished: Jul 28, 2022 03:12:45 pm

– जानिए क्या है इसके पीछे का कारण? ये हो सकते हैं बड़े बदलाव

indian_railway.jpg

भोपाल। रेलवे ने सीनियर सिटीजंस, खिलाड़ियों व अन्य कैटगरी के यात्रियों को फिर से रियायती दर पर रेल टिकट देने की सेवा शुरू करने से पिछले दिनों इनकार कर दिया था। वहीं इसके बाद ये बातें सामने आ रहीं हैं कि लोगों में बनीं नाराजगी और की गयीं तमाम आलोचनाओं के बाद सरकार एक बार फिर रियायतें बहाल करने पर विचार कर रही है। जिसके चलते सम्भावना बन रही है कि यह फिर से कुछ बदले हुए नियमों के साथ शुरू कर दी जाए ।

दरअसल रियायती दर पर रेल टिकट देने की सेवा शुरू करने से इनकार करने पर मध्य प्रदेश सहित तमाम राज्यों के लोगों में इस बात को लेकर काफी नाराजगी बनी हुई है। इसका कारण ये है कि एक तो ज्यादातर सीनियर सिटीजन का कोई इनकम का ठोस जरिया नहीं होता है। उस पर से मार्च 2020 में कोरोनो महामारी के शुरु होने के बाद सरकार ने रेल सफर करने के लिये उन्हें दी जाने वाली रियायतों को निलंबित कर दिया गया, जो अभी भी अमल में है। इससे बुजुर्गों को रेल सफर करने के लिये अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है।

वहीं पिछले दिनों रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा था कि रेलवे के पैसेंजर सेगमेंट का किराया पहले से ही काफी कम है और अलग-अलग कैटगरी के लोगों को रियायती टिकट दिए जाने के चलते रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। कम किराया होने के कारण रेलवे को हर रेल यात्री के औसत किराया का 50% भार उठाना पड़ रहा है।

इसलिए दोबारा बहाल नहीं होगी रियायती सेवा
लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते दो सालों से पैसेंजर सर्विस से होने वाले आय में काफी कमी आई है। इससे रेलवे के वित्तीय सेहत पर असर पड़ा है। रेल कंसेशन बहाल करने से रेलवे के वित्तीय सेहत पर असर पड़ेगा, इसलिए सीनियर सिटीजन समेत सभी कैटगरी के लोगों के लिए रियायती रेल टिकट सेवा बहाल किया जाना संभव नहीं है।

सेवा फिर से शुरू करने का प्लान
अब एक बार फिर सामने आ रही एक बड़ी जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने कोरोना काल के समय बंद हुए सीनियर सिटीजन ( Senior Citizen) और खिलाड़ियों समेत दूसरे कैटगरी के यात्रियों को रियायती टिकट ( Concession Ticket) की सेवा फिर से शुरू करने पर सरकार प्लान कर रही है। दरअसल, आलोचनाओं के बाद रेलवे वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें बहाल करने पर विचार कर रहा है, लेकिन संभव है यह केवल सामान्य और शयनयान श्रेणी के लिए हो।

सीनियर सिटीजंस को रेल किराये में फिर मिलेगी छूट!
सूत्रों के अनुसार, सरकार इसके नए नियम में आयु मानदंड सहित कुछ मामलों में बदलाव कर सकती है। मुमकिन है कि सरकार रियायती किराये की सुविधा 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को मुहैया कराए जो पूर्व में 58 वर्ष की महिलाओं और 60 वर्ष के पुरुषों के लिए थी। सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसके पीछे मुख्य कारण बुजुर्गों के लिए सब्सिडी बरकरार रखते हुए इन रियायतों को देने से रेलवे पर पड़ने वाले वित्तीय भार का समायोजन करना है।

पहले मिलती थी छूट
ज्ञात हो कि रेलवे ने मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं को किराये पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिये 40 फीसदी छूट देता था। रेलवे की तरफ से ये छूट लेने के लिये बुजुर्ग महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिये 60 वर्ष थी, लेकिन कोरोना काल के बाद इन्हें मिलने वाली सभी तरह की रियतें खत्म कर दी गई है।

सामने आ रही जानकारी
वहीं ये बातें भी सामने आ रही हैं जिनके अनुसार रेलवे की ओर से दबी जुबान में ये कहा जा रहा है कि ‘हम समझते हैं कि ये रियायतें बुजुर्गों की मदद करती हैं और हमने कभी नहीं कहा कि हम इसे पूरी तरह से खत्म करने जा रहे हैं। हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं और इस पर फैसला लेंगे। वहीं ये भी संकेत दिया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड वरिष्ठ नागरिकों की रियायत के लिए आयु मानदंड में बदलाव करने और इसे केवल 70 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए मुहैया कराने पर विचार कर रहा है। जो रेलवे के दायित्वों को सीमित करेगा।

कब से बंद है सुविधा ?
दरअसल साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान यह सुविधा बंद कर दी गयी, जबकि इससे पहले वरिष्ठ नागरिक रियायत 58 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए थी। इसके तहत महिलाएं 50 प्रतिशत छूट के लिए पात्र थीं, पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत छूट का लाभ उठा सकते थे। बताया जाता है कि रेलवे जिस एक और प्रावधान पर विचार कर रहा है, वह है रियायतों को केवल गैर-वातानुकूलित श्रेणी की यात्रा तक सीमित करना।

वहीं इसके पीछे ये भी तर्क दिया जा रहा है कि है कि अगर रेलवे इसे शयनयान और सामान्य श्रेणियों तक सीमित करता है, तो रेलवे इसमें 70 प्रतिशत यात्रियों को समायोजित कर लेगा, ये कुछ विकल्प हैं जिन पर बताया जाता है कि रेलवे विचार कर रहा है और अब तक किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

इस पर भी कर रही रेलवे विचार!
बताया जाता है कि रेलवे एक अन्य विकल्प पर भी विचार कर रहा है, जिसके तहत सभी ट्रेनों में ‘प्रीमियम तत्काल’ योजना शुरू की जा सकती है। इसका कारण ये है कि इससे उच्च राजस्व उत्पन्न करने में मदद मिलेगी, जो रियायतों के बोझ को वहन करने में उपयोगी होगा। ‘प्रीमियम तत्काल’ योजना फिलहाल करीब 80 ट्रेनों में लागू है। प्रीमियम तत्काल योजना रेलवे की ओर से शुरू किया गया एक कोटा है जो कुछ सीटें गतिशील किराया मूल्य निर्धारण के साथ आरक्षित करता है।

यह कोटा अंतिम समय में यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए है जो थोड़ा अतिरिक्त खर्च करने को तैयार हैं। प्रीमियम तत्काल किराये में मूल ट्रेन किराया और अतिरिक्त तत्काल शुल्क शामिल होता है। पिछले सप्ताह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि रियायतें देने की लागत रेलवे पर भारी पड़ती है। उन्होंने कहा था, विभिन्न चुनौतियों के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों को रियायतें देने का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो