निजी एजेंसी से कराएंगे रि-चेकिंग
स्टूडेंट ट्रैकिंग की जानकारी निजी एजेंसी से वेरिफाइ कराई जाएगी। निजी एजेंसी कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराए डाटा से 20 प्रतिशत को रेंडम उठाकर खुद संबंधित छात्र से संपर्क कर जानकारी लेगी।
रोजगार की स्थिति जानने अपनाया तरीका
सरकार ने पासआउट विद्यार्थियों को मिलने वाले रोजगार की स्थिति जानने यह तरीका अपनाया है। बताया जा रहा है कि इसके माध्यम से महाविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम, उनकी उपयोगिता आदि के बारे में भी जाना जाएगा। सरकार की इस पहल पर जानकारों का कहना है कि यह एक अच्छा प्रयास है; इससे विद्यार्थियों के रोजगार की स्थिति जानने में काफी मदद मिलेगी; इससे विद्यार्थियों को भी काफी हद तक लाभ मिलेगा;
स्टूडेंट ट्रैकिंग की जानकारी निजी एजेंसी से वेरिफाइ कराई जाएगी। निजी एजेंसी कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराए डाटा से 20 प्रतिशत को रेंडम उठाकर खुद संबंधित छात्र से संपर्क कर जानकारी लेगी।
रोजगार की स्थिति जानने अपनाया तरीका
सरकार ने पासआउट विद्यार्थियों को मिलने वाले रोजगार की स्थिति जानने यह तरीका अपनाया है। बताया जा रहा है कि इसके माध्यम से महाविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम, उनकी उपयोगिता आदि के बारे में भी जाना जाएगा। सरकार की इस पहल पर जानकारों का कहना है कि यह एक अच्छा प्रयास है; इससे विद्यार्थियों के रोजगार की स्थिति जानने में काफी मदद मिलेगी; इससे विद्यार्थियों को भी काफी हद तक लाभ मिलेगा;
05 साल में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को ट्रैक कर जानकारी जुटा रहे हैं प्रदेशभर के कॉलेज 15 फरवरी तक सभी कॉलेजों को एकत्रित करना है डाटा 05 मिलियन डॉलर वाली वल्र्ड बैंक की महत्वपूर्ण स्कीम का हिस्सा प्रदेश शासन की यह कवायद
वल्र्ड बैंक के प्रोजेक्ट के तहत शासन से मिले उत्तीर्ण विद्यार्थियों की ट्रैकिंग के निर्देश पर हमने 90 प्रतिशत से अधिक का डाटा कलेक्ट कर लिया है। इसे जल्द ही शासन को उपलब्ध करा दिया जाएगा। संभवत: कॉलेज से निकलने के बाद विद्यार्थियों के रोजगार की स्थिति को जानने के लिए यह कदम उठाया गया है।
मंजुला शर्मा, प्राचार्य,शासकीय सरोजनी नायडू स्नातकोत्तर महाविद्यालय
मंजुला शर्मा, प्राचार्य,शासकीय सरोजनी नायडू स्नातकोत्तर महाविद्यालय