उन्होंने कहा कि एमपी ऑनलाइन के माध्यम से वर्ष 2014 में 1214 कम्प्यूटर आपरेटर, 6603 सर्वेक्षण सहायक की नौकरी के लिए आवेदन दिए गए थे। इसमें 5 लाख अभ्यार्थियों से 4 करोड़ फीस के नाम पर वसूले गए। वर्ष 2015 में परीक्षा परिणाम घोषित करने के बाद किसी को भी नियुक्ति नहीं दी गई। इसी तरह 2208 लेखापाल की नियुक्तियों के लिए बुलाए गए आवेदन में एक करोड़ की फीस वसूली गई। तीन साल बाद भी इन्हें नौकरी नहीं मिली।
कांग्रेस ने रिटायर नौकरशाहों को प्रकोष्ठ बनाकर सौंपी जिम्मेदारी
आइएएस अफसरों में डीएस राय, वीके बाथम, आरआर गंगारेकर, एमएस भिलाला, विनोद सिंह, अखिलेन्दु अरजरिया और रघुवीर श्रीवास्तव जबकि आइपीएस में वीएस रघुवंशी, एके सिंह, एलसी भारती, आर.पी. बिसोने और डीएस सेंगर शामिल हैं। आइएफएस अफसरों में आरडी शर्मा, रामप्रसाद, एसपी सिंह, एके जैन, जेपी शर्मा, आरआरएस चौहान, डीएस शर्मा को प्रकोष्ठ में लिया गया है। इसके अलावा अन्य रिटायर अधिकारी, वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
अध्यापकों के साथ धोखा किया सरकार ने – कमलनाथ
प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि अध्यापकों के लिये नया कैडर बनाकर राज्य सरकार ने प्रदेश के 2 लाख 37 हजार अध्यापकों के साथ धोखा किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे शिक्षा विभाग के वर्तमान कैडर में संविलियन का वायदा किया था, लेकिन संविलियन न कर नया कैडर बना दिया।
नया कैडर जुलाई 2018 से अस्तित्व में आएगा, यानि उनकी नियुक्ति जुलाई 2018 से ही मानी जायेंगी। इससे अध्यापकों को पुराने वेतन भत्ते और सुविधाऐं नहीं मिलेंगी। उनका अनुभव, वरिष्ठता, वेतनवृद्धि सब शून्य हो जाएगी। कमलनाथ ने कहा कि कांगे्रस की सरकार आने पर अध्यापकों के साथ न्याय किया जाएगा।