इधर, कंपनी का दावा है कि अक्टूबर में तय रुट पर 8 सीटर वाले 8 विमान शुरु कर दिए जाएंगे। लेकिन यह इसलिए आसान नहीं है कि कंपनी और पर्यटन विभाग के बीच पुराने भुगतान को लेकर विवाद चल रहा है। जब तक पुराने भुगतान का मसला नहीं सुलझेगा तब तक एयर टैक्सी चलाई जाना मुश्किल है।
चंद महीने ही भर पाई उड़ान
प्रभातम एविएशन के साथ हुए अनुबंध के बाद से कंपनी महज ८ महीने तक ही एयर टैक्सी सर्विस दे पाया। इसके बाद विमान की सीटों में बदलाव करने के कारण यह सर्विस ठप हो गई। बाद में इस कंपनी को करीब चार महीने पहले कैबिनेट ने काफी रियायतें देकर फिर से सर्विस शुरु करने की अनुमति दी थी, लेकिन इसके बाद भी कंपनी फ्लाइट चालू नहीं कर पाई।
दूसरा प्रयोग फेल
प्रदेश में पर्यटन विभाग का एयर टैक्सी चलाने का यह दूसरा प्रयोग फेल हो रहा है। इसके पहले भी मप्र में सुप्रीम एविएशन द्वारा वेंचूरा एयर टैक्सी शुरु करने के लिए अनुबंध किया गया था, लेकिन कंपनी को लाइसेंस नहीं मिला तो अनुबंध खत्म करना पड़ा था। वहीं, प्रभातम एविएशन ने फ्लाई डिवाइन नाम से एयर टैक्सी के लिए अनुबंध किया गया था, लेकिन एक साल से यह भी विवादों में चल रहा है।
अनुबंधित कंपनी ने कुछ समय तक एयर टैक्सी का संचालन भी किया, लेकिन बाद में उन्होंने अनुबंध के अनुसार इसे चालू नहीं रखा। इसके बाद उन्हें कैबिनेट से कुछ रियायतें भी दी गई, फिर भी उन्होंने चालू नहीं किया तो हमनें उन्हें टर्मिनेट करने का नोटिस दिया है। अभी उनका जवाब नहीं आया। इसके बाद अलग स्तर की कार्रवाइ होगी, फिर इन्हें टर्मिनेट कर दिया जाएगा
हरिरंजन राव, प्रमुख सचिव, पयर्टन विभाग
अक्टूबर में पांच शहरों के बीच एयर टैक्सी चालू कर देंगे। सप्ताह में एक दिन दतिया का रुट होगा। नेशनल पार्क, पर्यटन केंद्रों तक भी सेवाएं बढ़ाई जा सकती है।
सुमीत सोढानी, सलाहाकार, प्रभातम एविएशन