नोद बंद करने के लेकर दिल्ली हाईकोर्ट को ये जानकारी दी गई है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह नए नोटों की जांच के लिए नेत्रहीनों को बुलाएगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि दस रुपये के नोट का स्थान सिक्के ले लेंगे। एएसजी संजय जैन का कहना था कि 20 व 50 रुपये के नोट की पहचान आसानी से नेत्रहीन शख्स कर सकता है। लेकिन 10 रुपए के नए नोट का आकार कई बार नेत्रहीनों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है और वे इसमें फर्क नहीं कर पाते। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है वह हलफनामा दायर कर बताए कि इन सिक्कों की पहचान एक-दूसरे से अलग कैसे की जाएगी।
आपको बता दें कि इस मामले पर सुनवाई के लिए 7 मार्च की तारीख दी गई है। इसके अलावा कोर्ट ने एएसजी के इस दावे पर ये भी कहा है कि वह कुछ नेत्रहीनों को इसकी पड़ताल के लिए बुला सकती है। कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार व आरबीआई के वकील ने कहा कि नए नोटों को विशेषज्ञों के परामर्श व नेत्रहीनों के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं के सुझावों पर विचार करने के बाद जारी किया गया है।
छोटे नोटों पर नहीं है पहचान का चिह्न, आकार से पता करते हैं
कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार और आरबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 20 व 50 रुपये के नोट में पहचान के लिए उभरा हुआ निशान नहीं बनाया गया है, क्योंकि यह काफी महंगा है और समय के साथ मिट जाता है। हालांकि 100 व उससे ऊपर के बड़े नोटों में यह उभरा हुआ निशान नेत्रहीनों के लिए बनाया गया है। इसके अलावा एक, दो, पांच व 10 रुपये के सिक्कों के किनारों पर पहचान के लिए खास निशान बनाए जाएंगे। वहीं नेत्रहीन अभी तक ऐसे नोटों को आकार से पहचान कर लेते हैं, लेकिन दस रुपए का नया नोट आने के बाद उनकी परेशानी बढ़ गई है।
नोटबंदी के बाद प्रिंटिंग प्रेस ने निभाया था अहम रोल
देश में नोटबंदी के बाद 2000 और 500 के नए नोट जारी किए गए थे। देश में नोटों की कमी न हो और ज्यादा से ज्यादा नोट बाजार में उपलब्ध हो सकें, इसके लिए देशभर के नोट मुद्रणालयों में 2000 और पांच सौ के नोट छापे गए। तभी से देवास के बैंक नोट प्रेस मुद्रणालय में 500 रुपए के नोट लगातार छापे जा रहे थे और यहां चौबीस घंटे काम चल रहा था। विगत दिनों आरबीआई ने 200 के नए नोट जारी करने के बाद देवास बैंक नोट प्रेस को 200 के नए नोट छापने की तैयारियां करने को कहा था। विगत 18 सितम्बर से इस प्रेस में दो मशीनों पर 200 के नोट छपने शुरू हो गए थे, तभी से यहां ये नोट छापे जा रहे हैं। इसके बाद अब 10 रुपए के नोट छापे जाने का काम भी यहीं पर जारी है।
भोपाल में बांटा गया 10 रुपए का नया नोट
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में बुधवार को दस रुपए का नया नोट ग्राहकों को दिया गया। ब्राउन कलर में आया यह नया नोट पुराने 10 रुपए के नोट से थोड़ा अगल है। नए नोट की लम्बाई कम है। एक तरफ स्वच्छ भारत के संदेश के साथ चक्र बना हुआ है तो दूसरी तरफ महात्मा गांधी, रिजर्व बैंक एवं अशोक की लाट का चिह्न बना हुआ है। सेन्ट्रल बैंक के ब्रांच मैनेजर दिगंवर भोयर ने बताया कि पहले दिन 20 हजार रुपए से ऊपर के नए 10 रुफए के नोट ग्राहकों को दिए गए। उन्होंने बताया कि तिजोरी से हमें जितने नोट प्राप्त होंगे, उतने ही ग्राहकों को काउंटर के माध्यम से दिए जाएंगे। ग्राहकों में भी नए नोट लेने की होड़ रही।