रविवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने कहा कि जब राजस्थान के तीन शहरों जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम बनाए जा सकते हैं तो फिर इंदौर और जबलपुर में क्यों नहीं। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट भी किया। ट्वीट के जरिए उन्होंने मांग उठाई कि शहर के आकार और जनसंख्या के हिसाब से राजस्थान के इन तीन शहरों में दो निगम हो सकते हैं तो फिर मध्यप्रदेश में भी ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
जबलपुर का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा कि जबलपुर कार्पोरेशन 1956 के कानून के तहत स्थापित हुआ था। तब जबलपुर की जनसंख्या 2 लाख होगी। अब 15 लाख है। आज करीब 70 वार्ड हैं। अगर दो कार्पोरेशन स्थापित होंगे तो वार्ड संख्या दो गुनी हो जाएगी। दो मेयर भी मिलेंगे। उन्होंने यह भी लिखा कि इस संबंध वे सोमवार को नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह से मुलाकात कर विधिवत अभ्यावेदन भी देेंगे।
तनखा के ट्वीट पर मंत्री जयवर्धन का जबाव – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तनखा के ट्वीट पर मंत्री जयवर्धन सिंह का जबाव सकारात्मक रहा। उन्होंने सांसद तनखा के विचार पर सहमति जताते हुए कहा कि शहरी विकास के लिए छोटे जनसंख्या वाले वार्ड होना जरूरी है। जबलपुर और इंदौर शहर में दो नगर बनाने का कोई सुझाव या आवेदन आता है तो उस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने एक अन्य ट्वीट भी किया। इसमें लिखा जब विवेक तन्खा बोलते हैं, तो पूरा देश सुनता है। फिलहाल हमें केवल भोपाल के लिए आवेदन मिले हैं। यदि इंदौर या जबलपुर के लिए कोई मामला बनता है तो हम निश्चित रूप से इस पर विचार करेंगे।
राजस्थान के तीन शहरों में बन रहे दो निगम- राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया के चलते इन तीनों शहरों में 6 माह के लिए चुनाव टाल दिए गए हैं।