तीस लाख मीट्रिक टन वितरण
सरकार प्रदेश में एक करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों और टेकहोम राशन में करीब 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक प्रति वर्ष गेहूं का वितरण करती है। इसके अनुसार तो वर्तमान में स्थिति बेहतर है, लेकिन अगर यही स्थिति रही तो अगले वर्ष गरीबों को अनाज वितरण में गेहूं की कमी हो सकती है।
सरकार ने रोके बिक्री
सरकार के पास वर्तमान में डेढ़ सौ लाख मीट्रिक टन अनाज का भंडारण है। इसमें से सरकार करीब 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले बाजार में बेच रही थी। करीब 12 लाख मीट्रिक टन के आस-पास गेहूं बेच भी दिया था, अब समर्थन मूल्य में गेहूं की खरीदी कम होने और बाजार में इसकी कीमत बढऩे से सरकार ने खुले बाजार में बेचने का फैसला भी वापस ले लिया है।
मंडी में 45 लाख मीट्रिक टन गेहूं
प्रदेश की 259 मंडियों और 297 उप मंडियों में इस गेहूं सीजन में 45 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में करीब 650 फीसदी से अधिक है। जानकारों के अनुसार इस वर्ष गेहूं का उत्पादन भी पिछले वर्षों की तुलना में कम हुआ है। पिछले वर्ष सिर्फ समर्थन मूल्य पर 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी।