अब अपडेट होंगे सरकारी स्कूलों के सभी छात्र, लागू होगा NCERT कोर्स
अब अपडेट होंगे सरकारी स्कूलों के सभी छात्र, लागू होगा NCERT कोर्स

भोपालः मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शिक्षा में सुधार की कवायद शुरु हो गई है, ऐसे में अब शिक्षक पुराने तौर तरीक़ों से कक्षा एक से लेकर वारहवीं के छात्रों को पुराने तरीकों के तहत नहीं पढ़ा पाएंगे। नए सत्र से बच्चों के साथ शिक्षकों को भी पढ़ाई के पुराने पैटर्न में बदलाव कर प्रोजेक्ट वर्क पर फोकस करना होगा। एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के तहत शिक्षा विभाग ने आगामी शेक्षणिक सत्र 2018-19 से सरकारी स्कूलों में विभागीय कोर्स की जगह अब एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) का कोर्स भी छात्रो की पढ़ाई में जोड़ा जाएगा।
पहले पढ़ाना सीखेंगे शिक्षक
छात्रों को इस नई तकनीक की पढ़ाई कराने के लिए पहले शिक्षकों को पढञाने के लिए ट्रेंड होना ज़रूरी है, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही शिक्षकों को पढ़ाई की नई तकनीक सिखाने के लिए ट्रेनिंग शुरुआत करने वाला है। हालही में इसके तहत स्टेट रिसोर्स ग्रुप के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो जिला डाइट रिसोर्स ग्रुप के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे, जिसकी तारीख जल्द ही आ जाएगी। इसके बाद, जिला रिसोर्स ग्रुप के ये शिक्षक ब्लॉक भर में जाकर शिक्षकों को इन विषयों को लेकर ट्रेन्ड करेंगे। हाई और हायर सेकंडरी के लिए वर्तमान में गणित और विज्ञान विषय की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग लेने के लिए शिक्षकों के अलग-अलग बेच चल रहे हैं। शिक्षक ट्रेनिंग लेने के बाद जिले के अन्य चयनित शिक्षकों को पढ़ाने का तरीका सिखाएंगे।
होगा बड़ी समस्या का समाधान
साथ ही अगर पूरे देश में देशभर में अगर समान शिक्षा लागू हो जाती है तो बच्चों की समस्याएं खत्म हो जाएगी। नए शिक्षण सत्र से एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद की जा रही है। बता दें कि, विभाग के मुताबिक, एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होने से सीबीएसई और एमपी बोर्ड की पढ़ाई में कोई फर्क नहीं रहेगा। अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाते थे, जिसे एमपी बोर्ड के छात्र हल नहीं कर पाते, लेकिन अब जब इस पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद छात्रों के सामने ये समस्या नही रहेगी।
छात्रों को नहीं रहेगा पेटर्न का झंझट
सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की छपाई और निशुल्क वितरण का काम मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के द्वारा ही किया जाएगा। शासन ने राज्य शिक्षा केन्द्र एनसीईआरटी और निगम के बीच अनुबंध प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में किताबें भी किताबें भेजी जाने लगी हैं, जिसके चलते सरकारी स्कूल के बच्चे भी पहले से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार रहेंगे, क्योंकि परीक्षा में ज्यादातर सवाल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से ही पूछे जाते हैं। ऐसे में अगर छात्रों का कोर्स उसी पेटर्न पर आधारित होगा, जिसके चलते छात्रों के सामने पेदा होने वाली बड़ी समस्या का निराकरण हो जाएगा।
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