-गलियारे की तरह स्कूल
कब्रिस्तान के सामने मुख्य सडक़ से लगा स्कूल भवन किसी गलियारें की तरह है। पीछे के खुले हिस्से में मकान बन चुके हैं। स्कूल में पढ़ते बच्चों को बाहर से कोई भी झांककर देख सकता है। इससे लगे हाउसिंग बोर्ड के ईडब्ल्यूएस के मकान भी जर्जर और आसामाजिक तत्वों से भरे हुए है। शिक्षक से लेकर बच्चों तक को हादसे का खतरा बना रहता है। स्कूल में सुरक्षा के नाम पर चौकीदार पीयून तक नहीं है।
कब्रिस्तान के सामने मुख्य सडक़ से लगा स्कूल भवन किसी गलियारें की तरह है। पीछे के खुले हिस्से में मकान बन चुके हैं। स्कूल में पढ़ते बच्चों को बाहर से कोई भी झांककर देख सकता है। इससे लगे हाउसिंग बोर्ड के ईडब्ल्यूएस के मकान भी जर्जर और आसामाजिक तत्वों से भरे हुए है। शिक्षक से लेकर बच्चों तक को हादसे का खतरा बना रहता है। स्कूल में सुरक्षा के नाम पर चौकीदार पीयून तक नहीं है।
सीधी बात-सुरेंद्र चौधरी, प्राचार्या, शा.मा.शाला बाग फरहत अफजा, ऐशबाग
सवाल-एक शाला एक परिसर का नियम सभी शासकीय स्कूलों पर लागू है फिर आठवीं तक का स्कूल दो हिस्सों में क्यों बंटा है।
जबाब-स्कूल भवन के आसपास का महौल ठीक नहीं है। इसलिए कक्षा छह से आठवीं तक की क्लासें मानसी अस्पताल के पास नगर निगम के भवन में लगाते हैं।
सवाल-नया सत्र शुरू हो चुका है, शौचालय से लेकर परिसर तक में सफाई का अभाव है।
जबाब-खेल मैदान से लकर पीयून, चौकीदार भी हमारे यहां नहीं है। प्राइवेट कर्मचारी लगाकर सफाई करवाते हैं।
सवाल-275 छात्रों के स्कूल में क्या नगरनिगम भी सफाई करने नहीं आता है?
जबाब-कई बार मांग कर चुके हैं। कोई नहीं आता। चूहे व घूसों ने शौचालय को खोखला कर दिया है।
सवाल-एक शाला एक परिसर का नियम सभी शासकीय स्कूलों पर लागू है फिर आठवीं तक का स्कूल दो हिस्सों में क्यों बंटा है।
जबाब-स्कूल भवन के आसपास का महौल ठीक नहीं है। इसलिए कक्षा छह से आठवीं तक की क्लासें मानसी अस्पताल के पास नगर निगम के भवन में लगाते हैं।
सवाल-नया सत्र शुरू हो चुका है, शौचालय से लेकर परिसर तक में सफाई का अभाव है।
जबाब-खेल मैदान से लकर पीयून, चौकीदार भी हमारे यहां नहीं है। प्राइवेट कर्मचारी लगाकर सफाई करवाते हैं।
सवाल-275 छात्रों के स्कूल में क्या नगरनिगम भी सफाई करने नहीं आता है?
जबाब-कई बार मांग कर चुके हैं। कोई नहीं आता। चूहे व घूसों ने शौचालय को खोखला कर दिया है।