सरकार ने अपने पत्र में आयोग से कहा कि प्रदेश में कई योजना संचालित की जाती हैं। इनमें से स्कूली छात्राओं को साइकिल वितरण योजना भी एक है। प्रदेश में करीब 6 लाख से अधिक साइकिलें स्कूली छात्राओं वितरित किया जाना है।
इसके लिए दो माह पूर्व ही टेंडर जारी किए गए थे, कंपनियों ने साइकिलें भी सप्लाई कर दी है। साइकिलें जिले और ब्लाक स्तर पर रखी गई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग को साइकिलों के वितरण के संबंध में अनुमति दी जाए। जिससे छात्राओं को स्कूल जाने के लिए समय पर साइकिल मिल सके। वहीं सरकार ने आयोग से कहा कि हर साल स्कूल के छात्र-छात्राओं को गणवेश वितरित किया जाता है।
इस वर्ष भी विद्यार्थियों को गणवेश का वितरण किया जाना है, जिसकी अनुमति दी जाए। सरकार ने आयोग को बताया कि गणवेश वितरण में करीब दो माह से अधिक समय लगता है, अगर गणवेश वितरण करने की अनुमति नहीं मिलती है, तो इसके वितरण का कार्य दो माह और पीछे हो जाएगा और विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ समय पर नहीं मिलेगा। इसी तरह से बच्चों को व्यावसायिक तथा भर्ती परीक्षा के लिए कोचिंग सेंटरों चयन जिले स्तर पर करना है।
इसकी भी अनुमति के लिए सरकार ने आयोग को पत्र लिखा है। वहीं सरकार ने आयोग से आयुष विभाग में काउसिलिंग के लिए भी अनुमति मांगी है। इधर आयोग ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकीय संस्थान को प्राध्यापकों के इंटरव्यू की अनुमति दे दी है, लेकिन परिणाम आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही घोषित करने के लिए आयोग ने कहा है।