शराब के अवैध कारोबार पर चोट, ड्यूटी घटाकर नया फार्मूला लाएगी सरकार
भोपालPublished: Jan 15, 2022 11:14:25 am
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पत्रिका ब्रेकिंग :
- सीएम के निर्देश पर अवैध शराब की रोकथाम के लिए नई नीति में बडे फेरबदल
- हाईपॉवर टॉस्कफोर्स की अनुशंसाएं मानी, ड्राफ्ट तैयार, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव
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जितेन्द्र चौरसिया, भोपाल। मध्यप्रदेश में अवैध शराब के कारोबार पर चोट करने के लिए सरकार ने नई आबकारी नीति में नया फार्मूला लाना तय किया है। इसके तहत कोई भी नई दुकान न खोलने के साथ शराब कारोबारियों के मुनाफे को कम करने प्रदेश के इतिहास में पहली बार ड्यूटी कम करके देसी शराब पर ड्यूटी घटाई जाएगी। इसमें शराब में ड्यूटी कम करने से शराब कारोबारियों को भले ही नुकसान हो, लेकिन अवैध शराब के धंधे पर बड़ी चोट होगी। क्योंकि सरकार विभिन्न ड्यूटी को कम करके अवैध शराब के सस्ते कारोबार को बंद करने के प्रयास करेगी। इससे होने वाले राजस्व नुकसान की प्रतिपूर्ति को लेकर अलग से काम होगा। इसके लिए मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखा जाना है। सीएम ने अवैध व जहरीली शराब की रोकथाम के हिसाब से इसके प्रावधान करने के लिए कहे थे, जिसके बाद वाणिज्य कर विभाग ने इस नई नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस पर एक दौर की चर्चा हो चुकी है। अब मंगलवार को इस पर फैसला होगा।
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यूं बेहिसाब मुनाफा कमा रहे अभी कारोबारी-
- अभी शराब कारोबारी बेहिसाब मुनाफा कमा रहे हैं। अभी लायसेंसी दुकान से एक 180 एमएल देसी शराब अभी 110 रुपए में मिलती है, जबकि इसकी लागत अधिकतम 30 से 35 रुपए हैं। बाकी सब ड्यूटी व अन्य मार्जिन है। इसलिए लायसेंसी शराब की बजाए यही अवैध शराब 60 रुपए तक मिल जाती है। इस कारण अवैध ज्यादा बिकती है। इसी प्रकार की स्थिति विदेशी शराब की है।
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नए फामूले में ऐसा-
- नई शराब नीति के नए फार्मूले में सरकार ने शराब पर ड्यूटी घटाने की तैयारी की है। वजह ये कि एक अभी अवैध व जहरीली शराब सस्ती होने के कारण ज्यादा खपती है। जबकि वैध शराब बहुत महंगी है। इस कारण सरकार ड्यूटी कम करके इनके रेट समान करने की तैयारी में है, ताकि अवैध पर रोक लगे।
- नई नीति में शराब के निर्माण के लिए उपयोग होने वाले रॉ-मटेरियल निर्माण को लेकर भी सख्ती के प्रावधान हैं। इसमें जवाबदेही तय होने से दुरूपयोग रूकेगा। इसके अलावा कोई भी नई दुकान नहीं खोली जाएगी, लेकिन लायसेंसी को एक उपकेंद्र खोलने की छूट मिलेगी।
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राजस्व का गणित ऐसा, घटा दिए लक्ष्य-
- शराब से राजस्व के मामले में भी सरकार ने यू-टर्न लिया है। शराब को लेकर सरकार ने अपने लक्ष्यों में कमी की है। पहले 2019-20 में राजस्व लक्ष्य 15000 करोड़ था, लेकिन अब 2021-22 के लिए लक्ष्य 10340 करोड़ रुपए रखा गया है। आगे भी यह 12 हजार करोड़ से भीतर रहना है। सरकार का मानना है कि ड्यूटी कम करने से राजस्व कम होगा। लेकिन, यदि खपत बढ़ती है तो कुछ अंश पूरा हो सकता है। बाकी प्रतिपूर्ति के लिए उपकेंद्र का विकल्प रखा गया है।
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यूं समझे रेट का गणित-
श्रेणी- मूल लागत- अभी दाम- अवैध मिलती- अब वैध के दाम संभावित
देसी- प्रति पू्रफ लीटर- 150-160 रुपए- 330 रुपए- 200 रुपए- 200-225 रुपए
देसी 180 एमएल मसाला- 35-40 रुपए- 110 रुपए- 60-65 रुपए- 80 रुपए
देसी 180 एमएल प्लेन-25-30 रुपए- 75 रुपए- 50-55 रुपए- 60 रुपए तक
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फैक्ट फाइल-
27300 करोड़ आमदनी शराब से उत्तरप्रदेश को
5000 करोड़ आमदनी शराब से छत्तीसगढ को
9600 करोड़ आमदनी शराब से राजस्थान को
15400 करोड़ आमदनी शराब से महाराष्ट्र को
10700 करोड़ आमदनी शराब से मध्यप्रदेश को
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जहरीली शराब से मौतें अहम मोड़-
प्रदेश में मुरैना और उज्जैन सहित कई जगह जहरीली शराब से मौतें हुई। इसके बाद सरकार ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई थी। जब जांच कमेटी ने ड्यूटी कम करने सहित अन्य कई सिफारिशें दी थी। इनमें से कुछ सिफारिशें मानी गई, तो कुछ नहीं मानी गई हैं। रॉ-मटेरियल को कंट्रोल और मानीटर करने को लेकर कई सिफारिशें अनसुनी कर दी गई। लेकिन नई पॉलिसी में इन सिफारिशें ने अहम भूमिका अदा की है।
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पड़ोसी राज्यों में शराब की दुकानें-
उत्तरप्रदेश- 27352
राजस्थान- 7665
छत्तीसगढ़- 660
महाराष्ट्र- 11685
दिल्ली- 850
मध्यप्रदेश- 3605
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कब कितनी ड्यूटी बढ़ी-
2020-21- 29.41 फीसदी
2019-20- 06.25 फीसदी
2018-19- 14.39 फीसदी
2017-18- 07.69 फीसदी
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