– पूर्व कमेटी अभी पाइपलाइन में
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मानसून सत्र में प्रमोशन में आरक्षण पर एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया था। लेकिन, अभी तक उसका आदेश नहीं निकला है। उक्त कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष के अलावा मुख्यमंत्री कमलनाथ, जीएडी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और कांग्रेस-भाजपा से चार-चार विधायक शामिल होना प्रस्तावित है।
– सुप्रीम कोर्ट के पेंच में उलझा प्रकरण
प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में केस चलने के पेच में उलझ गया है। सरकार ने पहले राज्यस्तर पर नियम बनाकर सशर्त प्रमोशन देने की तैयारी की थी। लेकिन, विधि विभाग से मंजूरी नहीं मिल सकी।
– ये है मामला
मध्यप्रदेश में वर्ष-2002 में प्रमोशन में आरक्षण के लिए नियम लागू किए थे। इसके तहत नौकरी में भर्ती और फिर प्रमोशन में भी आरक्षण की व्यवस्था कर दी गई। कोर्ट में इस नियम को चुनौती दी गई कि भर्ती में आरक्षण मिल गया तो प्रमोशन में नहीं मिलना चाहिए। इस पर 2016 में जबलपुर हाईकोर्ट ने इस नियम को रद्द कर दिया था। बवाल मचा तो तत्कालीन भाजपा सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस मामले में स्थिति को यथावत रखने के आदेश दिए। तब से मामला अटका हुआ है। अधिकारी व कर्मचारी बिना प्रमोशन सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके चलते असंतोष बढ़ रहा है।