अधिकारियों के अनुसार इस पहचान पत्र की मदद से ट्रांसजेंडर को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिला मजिस्ट्रेट को अधिनियम की धारा-6 व 7 में पहचान प्रमाण पत्र, पहचान पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। प्रमाण पत्र भारत सरकार के नेशनल पोर्टल से जारी किया जाना है। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा आदेश जारी किये गये हैं। जिले में लगभग 190 ऐसे ट्रांसजेंडर हैं जिनके वोटर कार्ड बने हुए हैं।
देश में अब सर्जरी कराकर ट्रांसजेंडर बनने का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। कई मॉडल या चर्चित लोग अपने सेक्स को मेडिकल साइंस के मदद से परिवर्तित करवा रहे हैं। भारतीय किन्नर भी अपने शरीर में मामूली परिवर्तन करके सामान्य पुरुष या महिला दिखने के लिए सर्जरी करवा रहे हैं। ताकि उसे भी समाज में प्रतिष्ठा मिल सके।
जन्मजात किन्नर का जन्म होने का पता लगते ही किन्नर समाज उसे घर से उठाकर ले जाते हैं और अपने साथ ही रखने लगते हैं। सदियों तक किन्नर समाज के लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया पर अब कई किन्नर विभिन्न पेशों में आ रहे हैं और किन्नर समाज के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहे हैं।
भारत सरकार के ट्रांसजेंडर पर्सनल बिल 2016 के अनुसार ऐसे लोगों को कहा जाता है ट्रांसजेंडर
— जो शारीरिक रूप से न तो पूरी तरह से पुरुष है और न ही महिला
— महिला और पुरुष दोनों का सम्मिलित रूप हो
— जिसे न तो पुरुष और न ही महिला के तौर परिभाषित किया जा सके
— जिस व्यक्ति का सेक्स जन्म के समय नियत सेक्स से मेल नहीं खाता हो।
— जो ट्रांस-मेल या ट्रांस फीमेल हो
— इंटरसेक्स विभिन्नता के साथ सेक्स विलक्षणताओं वाले व्यक्ति
— जो शारीरिक रूप से न तो पूरी तरह से पुरुष है और न ही महिला
— महिला और पुरुष दोनों का सम्मिलित रूप हो
— जिसे न तो पुरुष और न ही महिला के तौर परिभाषित किया जा सके
— जिस व्यक्ति का सेक्स जन्म के समय नियत सेक्स से मेल नहीं खाता हो।
— जो ट्रांस-मेल या ट्रांस फीमेल हो
— इंटरसेक्स विभिन्नता के साथ सेक्स विलक्षणताओं वाले व्यक्ति