राज्य में सहकारी उद्योगों की स्थिति अच्छी नहीं है। कई उद्योग तो ऐसे हैं जहां अधिक घाटा होने के कारण कर्मचारियों का वेतन इत्यादि का खर्चा बमुश्किल निकल पाता है। घाटे के कारण कई उद्योग बंद हो चुके हैं। अब सरकार ने इन्हीं बंद उद्योगों की सुध लेना शुरू की है।
अनुमान के मुताबिक इन औद्योगिक इकाइयों की संख्या करीब 25 है। इनमें शुगर मिल, दाल मिल सहित बीड़ी उद्योग, बुनकर औद्योगिक इकाइयां प्रमुख हैं। सरकार का मानना है कि बंद औद्योगिक इकाइयां शुरू होने से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा। आर्थिक सम्पन्नता भी आएगी।
रिपोर्ट से तय होगा भविष्य – सहकारिता आयुक्त कार्यालय ने जिला और संभाग अधिकारियों से कहा है कि वे सहकारिता क्षेत्र के सभी उद्योगों की जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें। इसके लिए आयुक्त कार्यालय में एक सेल भी गठित किया गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जो उद्योग दोबारा शुरू होने स्थिति में होंगे उन्हें पुर्नजीवित किया जाएगा और जो पूरी तरह मृतप्राय हो चुके हैं और उनके पुर्नजीवित होने की संभावना नहीं है, उनके बारे में अलग से विचार होगा।
तिलहन संघ पर कोई विचार नहीं –
तिलहन संघ पर कोई विचार नहीं –
राज्य तिलहन संघ को दोबारा शुरू किए जाने के बारे में सरकार को कोई विचार नहीं है। बल्कि यहां देनदारियों को पूरी कर इसे बंद किए जाने की तैयारी है। सरकार का मानना है कि तिलहन संघ अब दोबारा होने की स्थिति में नहीं है, इसलिए इसके बारे में कोई विचार नहीं है। यहां कार्यरत कर्मचारियों को अन्य विभागों में शिफ्ट किया जा चुका है।
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सहकारिता क्षेत्र की बंद इकाइयों को फिर से शुरू किया जाना है। इनको चिंहिंत किया जा रहा है। इसके लिए रिपोर्ट बुलाई गई है। रिपोर्ट के परिक्षण के आधार पर इन इकाइयों के बारे में निर्णय होगा।
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सहकारिता क्षेत्र की बंद इकाइयों को फिर से शुरू किया जाना है। इनको चिंहिंत किया जा रहा है। इसके लिए रिपोर्ट बुलाई गई है। रिपोर्ट के परिक्षण के आधार पर इन इकाइयों के बारे में निर्णय होगा।
– अरविंद सेंगर, संयुक्त आयुक्त सहकारिता