मध्यप्रदेश में 108 एंबुलेंस व जननी एक्सप्रेस की सेवा वर्तमान में 1426 वाहनों के जरिये मिल रही है. अब एक मार्च से इन वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. इन वाहनों की संख्या अब 2052 की जा रही है.
सरकार का मानना है कि वाहन बढ़ा दिए जाएंगे तो मरीजों को लेने और छोड़ने के लिए ये कम से कम समय में पहुंचेंगे। अभी वाहनों की उपलब्धता नहीं होने के कारण कुछ मामलों में समय अधिक लग जाता है। इसकी वजह से कई बार मरीज तड़पते रहते हैं और समय पर इलाज नहीं मिलने से कुछ मामलों में तो मौतें भी हो जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह परेशानी ज्यादा आती है।

अभी ये सुविधाएं पूरी तरह निशुल्क हैं. इसके अंतर्गत मरीजों को सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने, सरकारी अस्पतालों से दूसरे सरकारी अस्पतालों में रेफर करने, प्रसूताओं को घर छोड़ने के लिए ये सेवाएं दी जा रही हैं. बाद में यही 108 एंबुलेंस व जननी एक्सप्रेस वाहन मरीजों को निजी अस्पतालों तक भी पहुंचाएंगे, लेकिन इसके लिए किराया चुकाना पड़ेगा।
इन सेवाओं के लिए काल सेंटर पर काल करना होगा. आने वाले समय में मोबाइल एप से भी इन सेवाओं का लाभ लिया जा सकेगा. इन सेवाओं के लिए काल करने वालों को लोकेशन बताने की जरूरत नहीं होगी. एड्राइड फोन से काल करने पर कालर की लोकेशन के आधार पर एंबुलेंस पहुंच जाएगी.
एक मार्च से इस सेवा के विस्तार का लक्ष्य है. एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. ऐसे वाहन 167 कर दी जाएंगे. एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस अभी हर जिले में केवल एक ही है. इसकी वजह से कई बार वाहनों का घंटों इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि वाहन कम पड़ जाते हैं.