ऐसी है खजाने की स्थिति – बाजार से लिया गया कर्ज – 154020.67 करोड़
कंपनशेशन तथा अन्य बाण्ड्स (पॉवर बॉड्स सहित) – 7360.45 करोड़
वित्तीय संस्थाओं से लिया गया कर्ज – 10901.67 करोड़
कर्ज और केन्द्र सरकार से लिया गया एडवांस, अन्य देनदारियां – 31040 करोड़
राष्ट्रीय लघु बचत योजनाओं में केन्द्र सरकार से ली गई राशि – 29792.01 करोड़
कंपनशेशन तथा अन्य बाण्ड्स (पॉवर बॉड्स सहित) – 7360.45 करोड़
वित्तीय संस्थाओं से लिया गया कर्ज – 10901.67 करोड़
कर्ज और केन्द्र सरकार से लिया गया एडवांस, अन्य देनदारियां – 31040 करोड़
राष्ट्रीय लघु बचत योजनाओं में केन्द्र सरकार से ली गई राशि – 29792.01 करोड़
बजट से ज्यादा राज्य का कर्ज —
मध्यप्रदेश में कर्ज की बात करें तो यह राज्य के बजट से कहीं ज्यादा है। राज्य में दो लाख 53 हजार करोड का कर्ज है, जबकि राज्य का बजट 2 लाख 41 हजार करोड रुपए का है। राज्य में लिए गए कर्ज की बात करें तो यह अब तक का सबसे ज्यादा कर्ज है। हालांकि सरकार का तर्क है कि विकास कार्य होंगे तो कर्ज तो लिया जाएगा। विकास कार्य के लिए लिया गया कर्ज गलत नहीं है।
मध्यप्रदेश में कर्ज की बात करें तो यह राज्य के बजट से कहीं ज्यादा है। राज्य में दो लाख 53 हजार करोड का कर्ज है, जबकि राज्य का बजट 2 लाख 41 हजार करोड रुपए का है। राज्य में लिए गए कर्ज की बात करें तो यह अब तक का सबसे ज्यादा कर्ज है। हालांकि सरकार का तर्क है कि विकास कार्य होंगे तो कर्ज तो लिया जाएगा। विकास कार्य के लिए लिया गया कर्ज गलत नहीं है।