संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व की ओर से पुजारियों के लिए पाठ्यक्रम (सिलेबस) और दिनचर्या (टाइम-टेबल) का निर्धारण किया जा रहा है। मार्गदर्शिका भी बनाई जा रही है। इसकी घोषणा गुरुवार को मंत्री उषा ठाकुर ने की। उन्होंने बताया कि मंदिर भारतीय समाज के संस्कार केंद्र हैं। यही भावी पीढ़ी को समाज के मूल्य और आदर्श संचारित करते हैं।
दरअसल, ये निर्णय उन मंदिरों के पुजारियों के लिए हुआ है, जिनका संधारण यानी रखरखाव सरकार के संबंधित विभाग की ओर से किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, पुजारियों के प्रशिक्षण के लिए विभागीय स्तर से योजना बनाई जा रही है। इसे अक्टूबर से जिलों में शुरू किया जाएगा।
तीर्थाटन: 150 ट्रेनें चलेंगी
प्रदेश में श्रीराम वनपथगमन के लिए कागजों में योजनाएं बनती रही हैं, पर अब इस पर सहमति बन गई है। इसके लिए न्यास का गठन होगा। यह प्रस्ताव 23 अगस्त को होने कैबिनेट में रखा जाएगा। इस प्रोजेक्ट को धर्मस्व न्यास के बजाय संस्कृति विभाग को सौंपा गया है। मंत्री उषा ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की ट्रेन निरंतर चलाई जाएगी। लगभग 150 ट्रेनों को चलाने की योजना वर्तमान में बनाई गई है।