सहरिया, भारिया और बैगा जाति के छात्र-छात्राओं ले जाने के लिए विशेष जोर दिया जाएगा। आदिम जाति कल्याण विभाग ने प्रदेश के शिवपुरी, मंडला, झाबुआ, भोपाल, गुना, मुरैना, डिंडोरी, ग्वालियर, अशोकनगर, श्योपुर, दतिया, भिंड, शहडोल और अनूपपुर सहित सभी जिला परियोजना प्रशासक को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले से इन जातियों के प्रतिभावान एक-एक छात्र-छात्रा की सूची भेजें। इसके साथ ही उनकी 10वीं कक्षा की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र तथा स्कूल के नाम के साथ उनसे जुड़ी जानकारी भेजें।
– नौ नवंबर से शुरू होगी यात्रा
राज्यस्तरीय नेतृत्व विकास शिविर, शैक्षणिक भारत दर्शन भ्रमण नामक यात्रा नौ नवंबर को प्रदेश से शुरू होगी और 16 नवंबर को समाप्त होगी। आठ नवंबर को भोपाल में सभी जिलों के छात्र-छात्राओं को ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय कटारा हिल्स में ठहराया जाएगा। उन्हें पहले भोपाल के आस-पास के ऐतिहासिक, धार्मिक और पयर्टन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें भोपाल के इतिहास, वर्तमान के संबंध में जानकारी दी जाएगी। मंत्रालय, राजभवन भवन सहित कई महत्त्वपूर्ण स्थानों का दौरा कराया जाएगा। युवा 15 नवंबर को राजभवन में राज्यपाल से मिलेंगे।
– युवाओं को ड्रेस भी उपलब्ध कराएगी सरकार
युवाओं को सरकार काला ब्लेजर, पैंट, शर्ट और जूते-मोजे भी मुफ्ते में देगी। युवाओं को सुबह-शाम घूमने के लिए ट्रैक सूट भी देगी। छात्रों का ड्रेस कोड सफेद शर्ट और खाकी पैंट रहेगा, जबकि छात्राओं के लिए ब्राउन कुर्ता और सफेद दुपट्टा व सलवार, दुपट्टा सिलवाया जाएगा। दोनों के लिए जूते-मोजे सफेद रहेगा। इस पर सरकार प्रत्येक युवा पर करीब साढ़े सात हजार रुपए से अधिक राशि खर्च करेगी।
– विशेष ट्रेन ले जाएगी यात्रा
सरकार यह यात्रा विशेष ट्रन से कराएगी। विभाग ने यात्रा के दौरान दिल्ली, आगरा सहित अन्य स्थानों में उन्हें ठहराने, भोजन तथा यात्रा के लिए आईआरसीटीसी को 21000 रुपए प्रति छात्र-छात्रा के मान से राशि एडवांस में दे दी है। यह यात्रा भोपाल से 10 नवंबर को शुरू होगी। इसमें एसटी-एससी, विशेष पिछड़ी जातियों के जिलास्तर में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं के अलावा 27 पिछड़े ब्लॉक के स्कूलों के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इस प्रकार से यात्रा में 312 छात्र-छात्राएं शामिल रहेंगे।
शैक्षणिक भारत दर्शन भ्रमण में विशेष पिछड़ी जाति के प्रतिभावन छात्र-छात्राओं को भारत भ्रमण कराया जाएगा। इसके लिए स्कूलों से छात्र-छात्राओं की सूची बुलाई गई है।
– विक्रमादित्य सिंह, अपर संचालक, आदिम जाति कल्याण विभाग