भोपाल

राज्यपाल वीडियो कांफ्रेसिंग से चर्चा, मुख्यमंत्री ने संभाली फील्ड

कोरोना वायरस की रोकथाम में कदम से कदम मिलाकर कर रहे हैं काम

भोपालMar 30, 2020 / 12:08 am

दीपेश अवस्थी

भोपाल। राज्य में एक ओर जहां कोरोना वायरस का असर है, पूरा प्रदेश लॉक डाउन है। जनता कफ्र्यू का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रशासन पूरी तरह एलर्ट है। इस संकट की घड़ी में राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित अन्य जिम्मेदार लोगों की दिनचर्या भी बदल गई है। सभी का फोकस कोरोना से निपटने को लेकर है। पूरी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए लोगों को भी एलर्ट किया जा रहा है।
पत्रिका ने यह पता करने का प्रयास किया कि इस कठिन समय में इनकी दिनचर्या में क्या बदलाव आया। ये कैसे प्रदेश की स्थिति पर नजर रखते हैं और इस पर कैसे नियंत्रण पाने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें सुखद यह है कि सभी के कदम से कदम मिलाकर काम करने का असर प्रदेश में दिखने लगा है।
किसकी कैसी दिनचर्या –

लालजी टंडन, राज्यपाल –
आमजन से मेल मुलाकात लगभग बंद है। बहुत जरूरी होने पर ही लोगों से मुलाकात करते हैं, लेकिन इस मुलाकात के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हैं। ज्यादातर दिशा निर्देश टेलीफोन पर, संदेश भी ई-मेल के माध्यम से ही भेजते हैं। जरूरत पडऩे पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा होती है। हाल ही कुलपतियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की है। इस समय पूरा फोकस राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम और उसके लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर है। लॉक डाउन का पालन करते हुए राजभवन में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या भी कम की है। सलाह दी गई है कि वे घर पर ही काम करें, जरूरत पडऩे पर उन्हें बुला लिया जाता है। यहां आने वाले कर्मचारियों को सेनेटाइज होने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है। अधिकारी-कर्मचारी भी इसका ध्यान रख रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री –
सुबह करीब साढ़े पांच बजे उठकर योगा और व्यायाम और पूजा पाठ इत्यादि करना इनकी दिनचर्या में शामिल है। इसके बाद शुरू होता लोगों से अधिकारियों, नेताओं और अन्य आगंतुकों से चर्चा का दौर। शनिवार की ही बात करें तो निवास पर पहुंचे लोगों से सुबह साढ़े 9 बजे मेल मुलाकात के बाद मुख्य सचिव इकबाल ङ्क्षसह बैंस सहित अधिकारियों से चर्चा की। चर्चा का विषय कोरोना वायरस से निपटने और इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय ही रहे। अधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद वे शहर की स्थिति देखने निकल पड़े। इस संकट के दौर में ड्यूटी पर तैनात लोगों की उन्होंने हौसल अफजाई की और दो बजे निवास पर लौटे। अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों, नेताओं से चर्चा के बाद मंत्रालय के लिए रवाना हो गए। वहां अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठकों के दौरान सेल्फ डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखते हैं। देर शाम और रात में भी प्रदेश के फीडबैक लेते हैं।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस –
सुबह निर्धारित समय पर मंत्रालय पहुंचकर रात 8-9 तक मंत्रालय पर रहकर पूरे प्रदेश पर नजर रखना। दोपहर करीब 12 बजे पूरे प्रदेश की रिपोर्ट लेना और फिर इसके बाद संबंधित जिला कलेक्टरों से चर्चा कर वहां का अपडेट लेना इनकी दिनचर्या में शामिल है। इसके बाद मीटिंगों का दौर शुरू होता है। यह मीटिंग सिर्फ और सिर्फ कोरोना की रोकथाम और किए जा रहे इंतजाम को लेकर ही होती हैं। इंदौर में कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या बढऩे पर यहां ज्यादा फोकस है। चिंता यह भी है कि पड़ोसी राज्यों की सीमाओं से भी लोग यहां प्रवेश कर रहे हैं, इसके लिए अन्य राज्यों से भी चर्चा होती रहती है। दिनभर मीटिंगों और मॉनीटरिंग के बाद रात करीब 8 बजे एक फिर कलेक्टरों से चर्चा करते हैं। हालांकि यह चर्चा आवश्यकता के अनुसार ही कलेक्टरों से होती है। दिनभर की व्यस्तताएं ऐसी रहती हैं कि ये लंच भी यहीं करते हैं। प्रयास यही है कि अचानक आया यह संकट दूर हो जाए।
कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री –

सुबह करीब छह बजे सोकर उठने के बाद व्यायाम और पूजा पाठ इत्यादि के साथ देश दुनिया की खबरें समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त करते हैं। इसके बाद शुरू होता है पार्टी नेताओं, विधायकों और पूर्व मंत्रियों से चर्चा का दौर। इस बीच लोगों के ई-मेल इत्यादि का जवाब भी देते हैं। यह लगभग उनकी दिनचर्या में शामिल है। लॉक डाउन का सख्ती से पालन करते हुए लोगों से टेलीफोन पर ही चर्चा करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यदि इस बीच कोई नेता या विधायक इत्यादि मुलाकात करते आ जाता है तो उनसे सेल्फ डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चर्चा करते हैं। इस दौरान प्रयास होता है कि आंगुतक भी इसका पूरा पालन करे।
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