नए नियम के तहत ऐसे उद्योग जिन्होंने प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव दिए हैं, उन्हें स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस प्रमाण पत्र के आधार पर वे उद्योग लगा सकेंगे। नए नियम लागू होने से स्टार्टअप को बढ़ाया मिलेगा। नए उद्योग लगाने वाले बड़े उद्योगपतियों और सूक्ष्म एंव मध्यम उद्योग को स्थापित करके संचालन में मदद मिलेगी।
असल में जनवरी माह में इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान सीएम ने निवेशकों से अलग-अलग विषयों पर चर्चा की थी। इस चर्चा के दौरान निवेशकों ने उद्योगों की स्थापना में आने वाली परेशानियां से मुख्यमंत्री को अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त किया था कि प्रदेश में उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। समिट के समापन अवसर पर ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए अब तीन साल तक किसी भी प्रकार की कोई अनुमति की जरूरत नहीं होगी।