डिजिटल प्लेटफार्म का भरपूर उपयोग हो –
राज्यपाल ने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर उपयोग करे। आवश्यकता होने पर तकनीकी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और विशेषज्ञ सेवाएं भी प्राप्त की जा सकती हैं। विश्वविद्यालय द्वारा जो भी पाठ्यक्रम, विषय, डिप्लोमा और प्रमाण-पत्र के कोर्स चलाये जा रहे हैं, उनमें छात्रों की अभिरूचि का भी अध्ययन किया जाए। यह जानकारी नियमित आधार पर संचालित की जाए। इससे छात्रों की अपेक्षाओं के अनुरूप कोर्स संचालित किए जा सकेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा जो भी नए कोर्स शुरू किए जाए। उनकी व्यवसायिक उपयोगिता, शोध, अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य और व्यवहारिक महत्ता आदि के संबंध में जानकारियों का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए ताकि विद्यार्थी को विषय का चयन अपनी आवश्यकताओं के अनुसार करने में सुविधा हो।
राज्यपाल ने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर उपयोग करे। आवश्यकता होने पर तकनीकी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और विशेषज्ञ सेवाएं भी प्राप्त की जा सकती हैं। विश्वविद्यालय द्वारा जो भी पाठ्यक्रम, विषय, डिप्लोमा और प्रमाण-पत्र के कोर्स चलाये जा रहे हैं, उनमें छात्रों की अभिरूचि का भी अध्ययन किया जाए। यह जानकारी नियमित आधार पर संचालित की जाए। इससे छात्रों की अपेक्षाओं के अनुरूप कोर्स संचालित किए जा सकेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा जो भी नए कोर्स शुरू किए जाए। उनकी व्यवसायिक उपयोगिता, शोध, अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य और व्यवहारिक महत्ता आदि के संबंध में जानकारियों का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए ताकि विद्यार्थी को विषय का चयन अपनी आवश्यकताओं के अनुसार करने में सुविधा हो।
विश्वविद्यालय परिसर आवास में ही रहें कुलपति –
उन्होंने कहा कि कुलपतियों को विश्वविद्यालय परिसर स्थित आवास में ही रहना चाहिए, इससे परिसर की व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी भी होती रहेगी। कुलपति विश्वविद्यालय और समाज के प्रेरणा के केन्द्र होते हैं, उनका कार्य व्यवहार आदर्श और पारदर्शी होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने संबंधी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निरंतर मानीटरिंग की व्यवस्था भी की जाए।
उन्होंने कहा कि कुलपतियों को विश्वविद्यालय परिसर स्थित आवास में ही रहना चाहिए, इससे परिसर की व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी भी होती रहेगी। कुलपति विश्वविद्यालय और समाज के प्रेरणा के केन्द्र होते हैं, उनका कार्य व्यवहार आदर्श और पारदर्शी होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने संबंधी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निरंतर मानीटरिंग की व्यवस्था भी की जाए।