राज्यपाल ने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय रोजारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर ध्यान दें, जिससे विद्यार्थी अध्ययन के बाद स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें। उन्होंने विश्वविद्यालयों में महात्मा गांधी पीठ और अन्य महापुरूषों के नाम पर शुरू की गई पीठ में किये जा रहे शोध कार्यों की जानकारी प्राप्त की। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालयों को महात्मा गांधी की स्वदेशी अर्थ-व्यवस्था पर कार्य करना चाहिए। नये-नये विषय पर शोध कर व्यापक रूप से सामाजिक बदलाव लाये जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय गुणवत्ता में सुधार लाकर देश के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक कैलेण्डर का क्रियान्वयन निर्धारित समय में किया जाना सुनिश्चित करना होगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में लायब्रेरी, प्रयोगशाला, सोलर सिस्टम, रेन वॉटर हार्वेटिंग और कूड़ा प्रबंधन की उचित व्यवस्था की भी समीक्षा की।
साइन बोर्ड में विश्वविद्यालय का हो इतिहास – राज्यपाल ने निर्देश दिए कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक साइन बोर्ड तैयार कराएं। जिसमें विश्वविद्यालय का इतिहास और संस्थापक का अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाए। इससे विद्यार्थियों को यह पता चलेगा कि विश्वविद्यालय का इतिहास क्या रहा है।
विश्वविद्यालयों में नियुक्त होंगे एक्जाम कंट्रोलर – उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष पहल किये जाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में जल्द ही एक्जॉम कंट्रोलर की नियुक्ति की जा रही है। राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालयों में पौधा-रोपण के कार्य को व्यापक रूप में संचालित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने की स्थिति की जानकारी ली।