भोपाल से जैसीनगर तक 25 किलोमीटर की सड़क की दुर्दशा को लेकर साहू व राजपूत में नोकझोंक चलती रही है। पूर्व में राजपूत ने इसी मार्ग पर प्रदर्शन कर ‘दारूवालीÓ टिप्पणी की थी। इसकी शिकायत पारुल ने राज्य महिला आयोग तक की थी। यह सड़क 2008 से 2013 के बीच में राजपूत के विधायक रहते उन्हीं की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाई थी।
जैसीनगर को तहसील का दर्जा मिला।
बिलहरा में 115 करोड़ लागत की परकुल मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य शुरू।
ïसमनापुर-बिलहरा-नन्नी देवरी में 100 करोड़ की लागत से सीसी सड़क।
(इन मामलों में विधायक पारुल साहू मुख्य भूमिका में रहीं। हालांकि, गोविंद सिंह का दावा था कि उनके द्वारा पूर्व में किए गए प्रयासों के कारण ही क्षेत्र को यह सौगातें मिली हैं।)
– ये काम अब भी अधूरे
जैसीनगर में शासकीय कॉलेज की मांग।
सुरखी में राष्ट्रीयकृत बैंक नहीं, जिससे सभी परेशान हैं।
मोकलपुर तिराहा से चांदोनी-पडऱई होते हुए राहतगढ़ तक 51 किलोमीटर की सीसी सड़क की डिमांड।
(विधायक साहू ने इन मुद्दों को लेकर विभिन्न सभाओं में मांग उठाई है। बीते दिनों मुख्यमंत्री की सभा में भी अपनी बात रखी। इधर, कांग्रेस के गोविंद सिंह ने भी इन समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किए हैं।)
– तुलसीराम नामेदव, व्यापार, सुरखी जैसीनगर और राहतगढ़ का विकास हुआ, लेकिन सुरखी में स्थानीय स्तर पर कोई बड़े प्रयास नहीं हुए हैं। हाल ही में नगर पंचायत बनाने को लेकर घोषणा जरूर की गई है।
– कमल जैन, स्थानीय निवासी सुरखी
सुरखी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई, पेयजल के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर रहा है। सिंचाई व पेयजल परियोजनाओं के लिए संघर्ष किया है। चूंकि कई परीयोजनाएं बड़ी हैं। इस वजह से थोड़ा वक्त लगेगा।
– पारुल साहू केशरी, विधायक सुरखी
– गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव