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पांच साल आमने-सामने रहे विधायक और प्रतिद्वंद्वी

locationभोपालPublished: Sep 09, 2018 07:51:14 pm

Submitted by:

anil chaudhary

2013 में महज 141 मतों से जीती थीं भाजपा की पारुल साहू , पांच साल से सक्रिय हैं कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत

madhyapradesh-mahamukabla-2018

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2013 में वोट
पारुल साहू 59513
गोविंद सिंह 59372
जीत-हार का अंतर 141
भाजपा वोट प्रतिशत 44.13
कांग्रेस वोट प्रतिशत 44.02
सागर. सुरखी विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हर बार तगड़ा होता है। यहां पिछले तीन दशक से बाहुबली और धनपतियों के बीच मुकाबला होता रहा है। क्लोज फाइट के चलते हार-जीत के मतों का अंतर भी कम रहता है। 2013 में पहली बार चुनावी समर में उतरीं भाजपा की पारुल साहू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह राजपूत को महज 141 मतों से मात दी थी। जीत के बाद पारुल के सामने जनता से किए गए वादों को पूरा करने की चुनौती थी।
पारुल को मतदाताओं का भरोसा बनाए रखने के लिए क्षेत्र के विकास की गति तेज करनी पड़ी। चूंकि, यह क्षेत्र कृषि प्रधान है, इसलिए उन्होंने सिंचाई के संसाधनों पर बहुत काम किया। मसलन, सिंचाई के लिए करीब 12 जल परियोजनाएं स्वीकृत कराईं। इसमें से अधिकतर पूर्णता की ओर हैं। इससे पहले 2003 से 2013 तक के विधायक और 2013 में पारुल के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के गोविंद सिंह भी क्षेत्र में काफी सक्रिय रहे। उन्होंने राहतगढ़, जैसीनगर और सुरखी में किसानों की फसल बीमा व आपदा राहत राशि के लिए बड़े धरना-प्रदर्शन किए। दोनों नेता सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के बहाने भी सक्रिय हैं।
सड़क निर्माण को लेकर हुई तीखी नोकझोंक
भोपाल से जैसीनगर तक 25 किलोमीटर की सड़क की दुर्दशा को लेकर साहू व राजपूत में नोकझोंक चलती रही है। पूर्व में राजपूत ने इसी मार्ग पर प्रदर्शन कर ‘दारूवालीÓ टिप्पणी की थी। इसकी शिकायत पारुल ने राज्य महिला आयोग तक की थी। यह सड़क 2008 से 2013 के बीच में राजपूत के विधायक रहते उन्हीं की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाई थी।
ये तीन बड़े कार्य हुए
जैसीनगर को तहसील का दर्जा मिला।
बिलहरा में 115 करोड़ लागत की परकुल मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य शुरू।
ïसमनापुर-बिलहरा-नन्नी देवरी में 100 करोड़ की लागत से सीसी सड़क।
(इन मामलों में विधायक पारुल साहू मुख्य भूमिका में रहीं। हालांकि, गोविंद सिंह का दावा था कि उनके द्वारा पूर्व में किए गए प्रयासों के कारण ही क्षेत्र को यह सौगातें मिली हैं।)
– ये काम अब भी अधूरे
जैसीनगर में शासकीय कॉलेज की मांग।
सुरखी में राष्ट्रीयकृत बैंक नहीं, जिससे सभी परेशान हैं।
मोकलपुर तिराहा से चांदोनी-पडऱई होते हुए राहतगढ़ तक 51 किलोमीटर की सीसी सड़क की डिमांड।
(विधायक साहू ने इन मुद्दों को लेकर विभिन्न सभाओं में मांग उठाई है। बीते दिनों मुख्यमंत्री की सभा में भी अपनी बात रखी। इधर, कांग्रेस के गोविंद सिंह ने भी इन समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किए हैं।)
सुरखी में एक भी राष्ट्रीयकृत बैंक नहीं है, जिसके कारण पूरे क्षेत्र के लोग परेशान हैं। इसकी ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है।
– तुलसीराम नामेदव, व्यापार, सुरखी

जैसीनगर और राहतगढ़ का विकास हुआ, लेकिन सुरखी में स्थानीय स्तर पर कोई बड़े प्रयास नहीं हुए हैं। हाल ही में नगर पंचायत बनाने को लेकर घोषणा जरूर की गई है।
– कमल जैन, स्थानीय निवासी सुरखी

सुरखी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई, पेयजल के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर रहा है। सिंचाई व पेयजल परियोजनाओं के लिए संघर्ष किया है। चूंकि कई परीयोजनाएं बड़ी हैं। इस वजह से थोड़ा वक्त लगेगा।
– पारुल साहू केशरी, विधायक सुरखी
लगातार विधायक रहते हमने क्षेत्र के विकास के लिए तमाम कार्य किए हैं। विपक्ष में रहते हुए क्षेत्र की समस्याओं को उठाया और प्रशासन के संज्ञान में लाए। यही वजह है जब सरकार को यहां के विकास के लिए परियोजनाओं को स्वीकृति देना पड़ी।
– गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव
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