पार्क की सुरक्षा के लिए बनाई गई बाउंड्रीवॉल जगह-जगह से टूट चुकी है। इसमें लगाई गई जाली निकल कर बाहर आ गई। गौरतलब है कि यह पार्क पुलिस लाइन में रहने वाले जवानों और उनके परिवार के लिए बनाया गया था।
इसका मुख्य उद्देश्य था कि यहां रहे रहे लोग दिनभर की धमाचौकड़ी के बाद परिवार के साथ कुछ समय पार्क में बैठकर बिता सकें। सुबह-शाम तफरीह कर सकेें, पर जिम्मेदारों की अनदेखी से यह पार्क पूरी तरह बदहाल हो चुका है। पुलिस लाइन के रहवासियों की माने तो लोग पार्क की मिट्टी तक खोदकर ले जा चुके हैं।
इससे पार्क में गड्ढे होने से यह ऊबड़-खाबड़ हो चुका है। पार्क में एक छोटा और एक बड़ा दो गेट लगाए गए थे, जिसमें छोटा टूट चुका है तो बड़ा चोर तोड़कर ले गए। जब यह हाल पुलिस लाइन का है, तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य जगहों में रखा सामान कितना सुरक्षित होगा।
पार्क में बनाया गया पाथवे तक नहीं बचा
पुलिस लाइन में रहने वाले शुभम सोलंकी और दीपांशु धवन्डे का कहना है कि पार्क बदहाल होने से हम लोगोंं को खेलने तक की जगह नहीं बची है। पार्क बनाने के दौरान इसके चारो ओर बाउंड्रीवॉल बनाई गई थी और उसमें जाली लगाई गई थी। पार्क के अंदर पाथ-वे बनाया गया था।
पार्क के सामने पड़ा खाली मैदान भी ऊबड़-खाबड़ होने से हम लोगों को खेलने के लिए जगह नहीं बची है। परिजनों का कहना है, खेलने के लिए जगह नहीं होने से बच्चे दिन भर घर में टीवी, कम्प्यूटर, मोबाइल में गेम खेलते रहते हैं, जिसके कारण उनकी सेहत पर असर पड़ रहा है।
सुबह-शाम टहलने के लिए जगह नहीं होने के कारण कॉलोनी के लोग अपने-अपने घरों में ही बैठे रहते हैं। यहां बनाया गया पार्क बदहाल हो चुका है। बच्चों के लिए खेलने की जगह नहीं होने से दिनभर मोबाइल में गेम खेलने के साथ ही अन्य चीजें देखते रहते हैं।
आरएस यादव, रहवासी गोविंदपुरा पुलिस लाइन