अब प्रदेश के नागरिकों के लिए बड़ी राहत की बात यह है कि चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद जिनकी शादी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत होने वाली थी। अब चुनाव आयोग ने सम्मेलनों के आयोजित करने को लेकर सशर्तों के साथ मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रदेश सरकार बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रुपए की मदद करती है। सरकार इस रकम में से शादी के समय नकद राशि और सामग्री के रूप में प्रदान करती है। प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव की आचार संहिता की वजह से शादी के ये कार्यक्रम आयोजित नहीं होने की बात कहबी जा रही थी। इसके बाद से जो लोग अपनी बेटी के विवाह की तैयारी कर चुके थे वह चिंतित हो रहे थे।
मध्यप्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू है एसे में सीएम कन्यादान योजना सहित सभी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सकता है। एसे में कन्याओं की शादी में सरकारी सहायता नहीं मिलने से बड़ी चुनौती सामने आ खड़ी थी। विवाह सम्मेलनों के निरस्त होने परिजन परेशान हो गए थे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक बेटी की शादी के लिए पिता ने अपना मकान तक गिरवी रख दिया था। वहीं अब आयोग की मंजूरी के बाद विवाह सम्मेलन के आयोजन होने से लोगों को अब बड़ी राहत मिली है।
इन शर्तों के साथ मिली मंजूरी
- विवाह सम्मेलन के कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार तथा विज्ञापन जारी नहीं होगा।
- राजनीतिक दलों के व्यक्तियों और अभ्यर्थियों की सहभागिता भी इसमें नहीं होगी।
- विवाह कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों के कारण चुनाव के काम में अवरोध उत्पन्न नहीं हो।
- विवाह कार्यक्रम में चुनाव के लिए जारी आदर्श आचरण संहिता का पालन करना होगा।