scriptनवाबों की कब्रें लावारिस, किसी पर बनी दुकानें तो कहीं से चोरी हुए पत्थर | Graves of Nawabs unclaimed, shops built on some and stones stolen from | Patrika News

नवाबों की कब्रें लावारिस, किसी पर बनी दुकानें तो कहीं से चोरी हुए पत्थर

locationभोपालPublished: Jan 14, 2023 09:57:58 pm

– अनदेखी: कोहेफिजा स्थित पुराने आरटीओ के पास सड़क किनारे बनी स्थिति,
– अतिक्रमण के कारण खत्म हो गए 148 कब्रिस्तान- वक्फ बोर्ड और शाही औकाफ नहीं कर पा रहा हिफाजत- कब्रों में टूट-फूट के कारण निशान भी बाकी नहीं रहे

नवाबों की कब्रें लावारिस, किसी पर बनी दुकानें तो कहीं से चोरी हुए पत्थर

नवाबों की कब्रें लावारिस, किसी पर बनी दुकानें तो कहीं से चोरी हुए पत्थर

भोपाल. नवाबी दौर में भोपाल पर राज करने के साथ ही कई आलीशान इमारतें तामीर कराने वालों को भुलाया जा रहा है। नवाब परिवार के कई सदस्यों की कब्रें लावारिश हैं। इनकी हिफाजत करने वाला कोई नहीं। ऐसे में कहीं दुकान बन गई तो किसी से कई नक्काशीदार पत्थर चोरी कर लिए गए। कोहेफिजा स्थित पुराने आरटीओ के पास ऐसे हालात देखने को मिले।
कोहेफिजा क्षेत्र में पुराने आरटीओ के पास सड़क किनारे दर्जनभर पुरानी कब्रे हैं। जानकारों ने बताया कि आसपास का हिस्सा पहले कब्रिस्तान था। यहां मुख्य सड़क किनारे कुछ बड़ी कब्रों से सटकर दुकानें चल रहे हैं। इनके निर्माण में जो सामग्री का इस्तेमाल हुआ वह धीरे-धीरे गायब हो रही है। ये कब्रें किसकी हैं यह पहचान इन सभी से लगभग मिट चुकी हैं।
शहर के इतिहास के जानकार मोहम्मद आफाक ने बताया कि यहां नवाब परिवार के लोग दफन हैं। ये बाकी से अलग हैं। यह पहचान इस बात को साबित करती है। सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। जिससे कब्जे बढ़ गए हैं। बताया कि सुरक्षा की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
– सुधार के लिए सौंपा जाएगा ज्ञापन
इनके संरक्षण और सुधार को लेकर सामाजिक संगठनों ने बीडा उठाया है। जमीयत उलेमा ए ङ्क्षहद की प्रदेश इकाई इस दिशा में काम कर रही है। प्रशासन, वक्फ बोर्ड और नगर निगम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
– 180 से 32 रह गए कब्रिस्तान

जमीयत के इमरान हारून कब्रिस्तानों को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं। इन्होंने बताया कि शहर में पहले 180 कब्रिस्तान थे। अब इनकी संख्या महज 32 रह गई है। ये कब्जों की भेंट चढ़ गए। वर्तमान में कई शॉङ्क्षपग काम्पलेक्स और कॉलोनियां इन कब्रिस्तानों के ऊपर हैं। रखरखाव का जिम्मा जिस एजेंसी पर है उसने भी कुछ नहीं किया।
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– वक्फ सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। कब्जे हटाने के साथ ही कब्जेधारियों के खिलाफ मामले भी दर्ज कराए गए हैं। सम्पत्तियों की हिफाजत के लिए शासन प्रशासन की मदद ली जा रही है।
शाकिर अली जाफरी, सीईओ मप्र वक्फ बोर्ड

– शहर में कब्रिस्तानों को कब्जेधारियों ने निशाना बनाया है। अधिकांश जगह कब्जे हो गए हैं। मुख्य सड़क पर सबसे बुरी स्थिति है। यहां कारोबार संचालित हो रहे हैं। हटाने के लिए कई बार वक्फ बोर्ड और नगर निगम को ज्ञापन दे चुके हैं।
इमरान हारून, जमीयत उलेमा मध्यप्रदेश
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