scriptग्रीन सिटी इंडेक्स रैंकिंग में भोपाल कहां आगे और कहां हो रहा पीछे | green city index ranking | Patrika News

ग्रीन सिटी इंडेक्स रैंकिंग में भोपाल कहां आगे और कहां हो रहा पीछे

locationभोपालPublished: Aug 17, 2022 09:36:51 pm

पर्यावरण के पांच मानकों के आधार पर होगी ग्रीन सिटी रैंकिंग, अगले साल मार्च-अप्रेल में जारी होगीश् पेड़ कटाई और पीएम-10 पर नियंत्रण हो तो अव्वल आ सकता है भोपाल, शुरू हुए प्रयास

cerva_dem.jpg
राजधानी में यदि हवा में बढ़ती पीएम-10 की मात्रा पर नियंत्रण और पेड़ों की कटाई पर रोक लग जाए तो शहर ग्रीन सिटी रेंकिंग में अव्वल बन सकता है। अब ग्रीन सिटी इंडेक्स के आधार पर भी शहरों की रेंकिंग होगी। इसमें तय किए गए कई मानकों पर तो राजधानी खरी उतर रही है लेकिन कुछ कमियां इसे पीछे धकेल रही हैं। यह रेंकिंग मार्च 2022 से मार्च 2023 के बीच की िस्थतियों के औसत के आधार पर मिलेगी। भोपाल में प्रशासन ने नॉन अटेनमेंट सिटी की कागजी कार्ययोजना बना रखी है उसी पर यदि अच्छी तरह अमल हो जाए तो भी अच्छी ग्रीन सिटी रेंकिंग मिल सकती है।
पर्यावरण विभाग ने हाल ही में ग्रीन सिटी इंडेक्स रेंकिंग शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। पर्यावरण सुधार के पांच सूचकांकों के आधार पर पर ग्रीन इंडेक्स रैंकिंग जारी की जाएगी। इसके लिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों को मिलकर वायु गुणवत्ता में सुधार कर 24 घंटों में वायु में पीएम 10 का स्तर व एक्यूआई स्तर में कमी लाने, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए रूफ टॉप सोलर पैनल की ऊर्जा क्षमता किलोवाट में बढ़ाने और हरित परिवहन, ई वाहन व सीएनजी किट आधारित वाहनों की संख्या बढ़ाने पर फोकस करने की जरूरत है। इसके लिए जिला प्रशासन, निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, परिवहन विभाग, वन विभाग, ऊर्जा विभाग को मिलकर काम करना होगा।
भोपाल की यह है ताकत
भोपाल में अन्य शहरों की तुलना में ग्रीन कवर अधिक है। इसके साथ खाली स्थानों पर हर साल लाखों पौधे रोपे जा रहे हैं। यहां पर स्वर्ण जयंती पार्क , एकांत पार्क, चिनार पार्क, मयूर पार्क के साथ शहर के बीच में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भी है। आसपास केरवा-कलियासोत, समरधा, कठोतिया आदि का घना जंगल है।
राजधानी में सोलर इनर्जी पर भी तेजी से काम चल रहा है। अभी यहां लगभग 60 मेगावाट सोलर इनर्जी का उत्पादन हो रहा है। बड़ा तालाब के किनारों से लेकर स्टेशन, अस्पताल आदि में सौर ऊर्जा बन रही है। ई-वाहनों के साथ सीएनजी और एलपीजी से चलने वाले वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
——–

आबोहवा सुधारने के लिए यह प्रयास जरूरी

– 15 साल पुराने डीजल से चलने वाले व्यावसायिक वाहनों को बंद करना।

– वाहनों की नियमित जांच कर पीयूसी जारी करना।
– ट्रैफिक सिग्नल का सिंक्रोनाइजेशन करना।
– डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा, मेजिक और टेम्पो पर रोक लगाना।
– सड़कों से धूल की नियमित सफाई कराना।

– प्रदूषण फैलाने वाले उपक्रमों स्लॉटर हाउस, आरा मशीन, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय, डेयरी और कबाड़ गोदामों को शहर से बाहर शिफ्ट करना।
– सभी निर्माण कार्य चारों ओर से कवर करने के बाद ही किए जाएं।
– रोड किनारे निर्माण सामग्री का भंडारण रोकना।
– कचरा, फसल के अवशेष, प्लास्टिक और उद्यानिकी सामग्री को जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध।

——-
ग्रीन सिटी इंडेक्स रैंकिंग के लिए किसके कितने अंक

– 30 अंक पार्क, उद्यान का क्षेत्रफल बढ़ाने के
– 20 अंक पौधरोपण कर हरित क्षेत्र बढ़ाने के

– 30 अंक वायु गुणवत्ता के

– 10 अंक नवीकरणीय ऊर्जा के

– 10 अंक हरित परिवहन के

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
वायु प्रदूषण और पीएम-10 का प्रदूषण रोकने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि एयर को डाइल्यूट किया जाए जिससे उसमें प्रदूषकों की मात्रा कम हो जाएगी। यह अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही किया जा सकता है। लेकिन यहां विकास कायोZं के नाम पर लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। पीएम-10 कम करने के लिए सड़कें भी सुधारना होंगी और उनकी धूल की सफाई भी करना होगी।
– डॉ सुभाष सी पांडे, पर्यावरणविद
—–

ग्रीन सिटी इंडेक्स रेंकिंग के लिए भेापाल में काम चल रहा है। यहां पर अच्छी रेंक की काफी संभावनाएं हैं। सभी विभागों को इसके मानकों से अवगत करा दिया गया है।
– ब्रजेश शर्मा, रीजनल अधिकारी एमपीपीसीबी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो