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Green Corridor- तीन जिंदगियों को जीवन देने थम गए दो शहर, महिला डॉक्टर ने किए थे आर्गन डोनेट

locationभोपालPublished: Sep 17, 2021 02:51:17 pm

Submitted by:

Manish Gite

इंदौर में 40वीं बार बना ग्रीन कॉरिडोर : दो किडनी और एक लिवर का किया कैडेवर आर्गन डोनेशन

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इंदौर की महिला डाक्टर के ब्रेन डेड होने के बाद किए गए आर्गन डोनेट।

भोपाल/ इंदौर। मध्यप्रदेश में तीन लोगों की जिंदगी बचाने के लिए एक बार फिर दो शहरों में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इंदौर की एक महिला की किडनी और लिवर भोपाल तक पहुंचाया गया।

अंगदान में रेकॉर्ड बना चुके इंदौर में गुरुवार को एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाया। ब्रेन डेड 52 वर्षीय महिला डॉक्टर के किडनी और लिवर जरूरमंद मरीजों को उपलब्ध कराने के लिए काफी देर तक शहर का बीआरटीएस थमा रहा। 23 महीने बाद बने इस 40वें कॉरिडोर के जरिए लिवर को भोपाल के लिए रवाना किया गया।

52 वर्षीय डेंटल सर्जन डॉ. सुनीता विजय नगर में दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से घायल हो गईं। डीएनएस अस्पताल में इलाज के दौरान 13 सितंबर को उन्हें चोइथराम अस्पताल शिफ्ट किया गया। बुधवार शाम को कमेटी ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया। दु:ख की इस घड़ी में परिजन ने दिल पर पत्थर रख अंगदान का फैसला लिया। बेटी निहारिका ने अंगदान की सहमति दी। इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

 

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शाम साढ़े सात बजे एंबुलेंस लेकर निकली किडनी-लिवर

गुरुवार सुबह 9.50 बजे ब्रेन डेड कमेटी ने दोबारा ब्रेन डेड प्रमाणित किया। शाम करीब साढ़े सात बजे एंबुलेंस से किडनी और लिवर रवाना किए गए। ऑर्गन समय रहते अस्पताल पहुंचे इसलिए चोइथराम अस्पताल से बीआरटीएस के बीच का रास्ता रोक दिया गया। एक किडनी चोइथराम अस्पताल में ही 32 वर्षीय युवक, दूसरी किडनी सीएचएल अस्पताल में भर्ती 58 वर्षीय बुजुर्ग और लिवर भोपाल के बंसल अस्पताल में भर्ती 34 वर्षीय युवक के लिए भेजी गई। आंखें एमके इंटरनेशनल आई बैंक और त्वचा स्किन बैंक में दान की गई।

 

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दो ग्रीन कॉरिडोर

8 किमी…. इंदौर में चोइथराम हॉस्पिटल से सीएचएल अस्पताल तक … समय : 06 मिनट लगा

किडनी लेकर पहली एंबुलेंस शाम 7.35 बजे चोइथराम अस्पताल से रवाना हुई। शाम 7.41 बजे सीएचएल अस्पताल पहुंची। महज छह मिनट में आठ किलोमीटर की दूरी तय की। एम्बुलेंस चोइथराम से रवाना होकर पास का एक चौराहा पार करने बाद राजीव गांधी चौराहा, भंवरकुआं, नौलखा, जीपीओ, शिवाजी प्रतिमा, गीताभवन, पलासिया, इंडस्ट्रीज हाउस चौराहों से गुजरी और 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने व्यवस्था संभाली। चोइथराम में 10 बजे किडनी का सफल ट्रांसप्लांट हुआ। रात करीब 11 बजे सीएचएल अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सम्पन्न हुई।

 

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201.9 किमी — इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल से बंसल हॉस्पिटल भोपाल तक… समय ढाई घंटे

लिवर लेकर दूसरी एंबुलेंस शाम 7.35 बजे चोइथराम अस्पताल से रवाना हुई। इंदौर में डीपीएस चौराहा तक ग्रीन कॉरिडोर रहा। सड़क मार्ग से लिवर बंसल अस्पताल की एंबुलेंस से गया। ढाई घंटे में एंबुलेंस भोपाल पहुंची। सभी चौराहों पर रास्ता बनाया गया वहीं भोपाल तक से सभी टोल टैक्स को अलर्ट किया गया कि एम्बुलेंस को बिना किसी बाधा के जाने दिया जाए। वैसे इंदौर में देवास नाका तक मुख्य स्थानों पर जहां जाम लगता है वहां पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया ताकि लीवर सही समय पर भोपाल पहुंच सके।

 

 

पांच घंटे लेट निकाले ऑर्गन

गुरुवार सुबह दूसरी बार ब्रेन डेड घोषित करने के बाद दोपहर दो बजे तक ग्रीन कॉरिडोर बनने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन, शाम सात बजे तक असमंजस की स्थिति बनी रही। डॉक्टरों के अनुसार लिवर सुरक्षित निकालने में अधिक समय लगा। चोइथराम अस्पताल के डॉ. सुदेश शारदा ने बंसल अस्पताल के डॉ. गुरु सिंग व उनकी टीम के साथ लिवर निकाला।

भोपाल में 6 डाक्टरों ने किया सफल आपरेशन

इधर, भोपाल में लिवर लाकर दीपक शर्मा (35) नामक मरीज का करीब 9 घंटे चले आपरेशन के बाद ट्रांसप्लांट कर दिया गया। गुरुवार रात को शुरू हुआ आपरेशन सुबह 6.30 बजे खत्म हुआ। अब करीब 15 दिनों तक डाक्टरों की निगराने में यह आपरेशन रहेगा। बंसल अस्पताल के मैनेजर लोकेश झा ने शुक्रवार को बताया कि पेशेंट को डाक्टरों की निगरानी में रखा गया है। उसे करीब 15 दिनों तक अस्पताल में रहना होगा। उसके बाद की स्थिति को देखते हुए डिस्चार्ज किया जाएगा।

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