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इस दिवाली पर जलाएं ग्रीन पटाखे, इनकी खूबियां जानकर हैरान रह जाएंगे आप…!

locationभोपालPublished: Oct 22, 2019 08:26:24 pm

आप परम्परागत पटाखों के बजाय इस साल ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर त्योहार को एन्जॉय कर सकते हैं। राजधानी भोपाल के बाजारों में ग्रीन पटाखे उपलब्ध हैं।

green crackers in diwali

green crackers in diwali

भोपाल. हर साल दिवाली पर प्रदेश के साथ ही देशभर में करोड़ों रुपए के पटाखे जलाए जाते हैं। इनसे न केवल वायु प्रदूषण होता है, बल्कि तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। पर्यावरण प्रेमियों के बीच हर साल यह चर्चा का विषय रहता है कि इस प्रदूषण पर कैसे लगाम लगाई जाए। लेकिन इसका समाधान है। आप परम्परागत पटाखों के बजाय इस साल ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर त्योहार को एन्जॉय कर सकते हैं। राजधानी भोपाल में कुछ स्थानों पर ये पटाखे उपलब्ध हैं। साथ ही आप आनलाइन भी बुला सकते हैं।
दरअसल, ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज के मामले में परम्परागत पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन इन्हें जलाने पर प्रदूषण 30-40 फीसदी तक कम होता है। जहां आम पटाखों को जलाने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली नाइट्रोजन और सल्फर जैसी गैसें ज्यादा निकलती हैं, वहीं ग्रीन पटाखों में ये कम मात्रा में निकलती हैं। इससे वातावरण को नुकसान कम पहुंचता है।

ऐसे करें ग्रीन पटाखों की पहचान
दरअसल, ग्रीन पटाखों पर हरे रंग का एक स्टीकर और बारकोड लगा होता है। ये इस बात की पुष्टि करते हैं कि ये ग्रीन पटाखे ही हैं। यदि आप इन पटाखों के निर्माता और इनमें इस्तेमाल हुए केमिकल के बारे में जानना चाहते हैं तो इनके ऊपर लगे बारकोड को मोबाइल से स्कैन कर पूरी जानकारी ली जा सकती है।

ग्रीन पटाखों के दाम
साधारण तौर पर मिलने वाले पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखे थोड़े महंगे होते हैं। यूं कहें तो इन पटाखों की कीमत साधारण पटाखों से दोगुनी होती है। भले ही ग्रीन पटाखे महंगे हैं लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य से ज्यादा महंगे नहीं हो सकते हैं।

green crackers
IMAGE CREDIT: patrika

सुप्रीम कोर्ट ने किया था जिक्र
आपको बता दें कि पिछले साल दीपावली के मौके पर सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री से संबंधित एक फैसले के दौरान ग्रीन पटाखों का उल्लेख किया था। कोर्ट ने सलाह दी थी कि त्योहारों पर कम प्रदूषण करने वाले ग्रीन पटाखे ही बेचे और जलाए जाने चाहिए।

भोपाल में जांच पड़ताल तेज
सोमवार को नापतौल विभाग के अफसरों की टीम ने हलालपुरा में दीपावली के लिए सजे पटाखा बाजार में निरीक्षण किया। यहां अफसरों को पटाखों के पैकेट पर न तो पैकिंग की डेट मिली और न कस्टमर केयर नंबर। जबकि पैकेट पर नामचीन कंपनी का नाम लिखा था। इस पर हलालपुरा में ही पांच थोक पटाखा विक्रेताओं पर पैक्ड कम्यूनिटी 2011 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए।

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IMAGE CREDIT: patrika
819 पटाखा दुकानें, 19 लाइसेंस 1500 केजी के
इस बार दीपावली पर राजधानी में 819 दुकानों पर पटाखों की बिक्री की जाएगी। इतने लाइसेंस कलेक्टोरेट और अन्य एसडीएम कार्यालयों से जारी किए हैं। पूर्व के 450 लाइसेंस इससे अलग हैं।

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