भोपाल

Ground Report mp : नक्सल प्रभावित लांजी में प्रत्याशियों का पसीना छुड़ा रहे मुद्दे

मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश….

भोपालNov 22, 2018 / 03:20 pm

Amit Mishra

Ground Report mp : नक्सल प्रभावित लांजी में प्रत्याशियों का पसीना छुड़ा रहे मुद्दे

लांजी से मंतोष कुमार सिंह की रिपोर्ट…

भाजपा के गढ़ लांजी विधानसभा क्षेत्र पर 2013 में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां जीत के लिए दिन-रात मेहनत कर रही हैं। कांग्रेस प्रत्याशी हिना लिखीराम कावरे का भाजपा उम्मीदवार रमेश दिलीप भटेरे से सीधा मुकाबला है। बसपा प्रत्याशी मीरा नानाजी समरीते मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही हैं।

सबसे बड़े मुद्दे पर सीधे बात नहीं करते….
जनता के सवालों के सामने सभी उम्मीदवारों के पसीने छूट रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी यहां के सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी और पलायन पर सीधे बात नहीं करते। दोनों युवा प्रत्याशियों के पास पैतृक राजनीतिक अनुभव है। 80 से 85 प्रतिशत नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ी व पुरानी समस्या है।

 

रोजगार के साधन नहीं…..
किरनापुर में चुनाव को लेकर गहन चर्चा चल रही है। परसाटोला के सुखराम पांसे रोजगार नहीं मिलने से खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि यहां रोजगार के साधन नहीं हैं। मजबूरी में हैदराबाद, चेन्नई और अन्य शहरों में काम की तलाश में जाना पड़ता है। गांव के गांव खाली हो जाते हैं। गांव साल में दो बार होली और दिवाली पर रोशन रहते हैं।

38 किमी का चक्कर काटना पड़ता है…
महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित पानगांव के सुखउ पासे का कहना है कि दर्जनभर गांव सोन और बाघ नदी के बीच बसे हैं। बाघ नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण गोंदिया जाने में काफी समस्या होती है। पानगांव से गोंदिया की दूरी 15 किलोमीटर है। पुलिया नहीं होने सेे 38 किलोमीटर का चक्कर काटकर जाना पड़ता है।

 

नल-जल योजना का लाभ नहीं मिला…
किरनापुर से आगे बेनेगांव में सड़क पर ही दर्जनभर ग्रामीण मिल जाते हैं। किसान चंदनलाल का कहना है कि गांवों में सिंचाई की सुविधा नहीं है। पिछले साल धान की फसल खराब होने के बावजूद कई किसानों को फसल बीमा योजना का पैसा नहीं मिला। 1498 की आबादी होने के बावजूद नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। गर्मी में हैंडपम्प सूख जाते हैं। 10 साल पहले सड़क बनी थी, अब जर्जर हो गई है।

बिजली नहीं मिल पा रही है…
खेमचंद्र का कहना है कि बैगा आदिवासियों को बैगा प्राधिकरण में शामिल नहीं किया गया है, जिससे उनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। नक्सल प्रभावित 50 से अधिक गांवों में पोल और केबल लगने के बावजूद बिजली नहीं मिल पा रही है।

 

प्रदेश और केन्द्र सरकार की संबल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा सहित कई योजनाओं का लाभ सभी वर्गों को मिला है। भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ा जा रहा है। क्षेत्र में कांगे्रस का विधायक होने के कारण यहां पिछले पांच वर्ष में विकास की रफ्तार काफी कम हो गई है।
रमेश भटेरे, भाजपा प्रत्याशी

जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला। चाहे वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो या संबल योजना। ये सभी पात्र हितग्राहियों तक नहीं पहुंची। भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, बढ़ते अपराध, क्षेत्र का और अधिक विकास करने सहित अन्य मुद्दों पर चुनाव लड़ा जा रहा है।

हिना कावरे, कांग्रेस प्रत्याशी


रमेश भटेरे, भाजपा

ताकत : पूर्व विधायक। सरकार की योजनाओं का क्षेत्र में बेहतर क्रियान्वयन कराना।

कमजोरी : जनता से संवादहीनता। विधायक रहते जनता की समस्याओं का निराकरण नहीं किया।

 

हिना कावरे, कांग्रेस
ताकत : वर्तमान विधायक। जनता से सीधा संवाद। क्षेत्र में लगातार पांच वर्ष तक सक्रिय रहना।


कमजोरी : विपक्ष में होने के कारण बड़े विकास कार्य नहीं कर पाईं। रोजगार के लिए उद्योग-धंधों की स्थापना नहीं कर पाईं।

 

15 साल में ये रहे विधायक
2013 हिना कावरे, कांग्रेस
2008 रमेश भटेरे, भाजपा
2003 दिलीप भटेरे, भाजपा

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