मध्यप्रदेश में हुए कई बार प्रदर्शन
जीएसटी को लेकर मध्यप्रदेश के व्यापारियों ने कई बार प्रदर्शन किए। वे केंद्र सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी कानून से पहले ही नाराज थे। उसके बाद कई पेचीदगियों के कारण उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा था।
जीएसटी को लेकर मध्यप्रदेश के व्यापारियों ने कई बार प्रदर्शन किए। वे केंद्र सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी कानून से पहले ही नाराज थे। उसके बाद कई पेचीदगियों के कारण उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा था।
यह भी खास
-GST काउंसिल की अहम बैठक गुवाहाटी में आज।
-सरकार का फोकस तीन विषयों पर हो सकता है।
-पहला अहम वस्तुओं पर टैक्स की 28 फीसदी दरों को कम करना।
-दूसरा कारोबारियों को जीएसटीएन में आ रही खामियों को दुरुस्त करना।
-तीसरा डिजिटल पेमेंट लेने-देने को और सरल बनाना।
-28 फीसद के टैक्स स्लैब में केवल 62 वस्तुएं ही रह सकती हैं।
-100 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स की दर कम की जा चुकी है।
-GST काउंसिल की अहम बैठक गुवाहाटी में आज।
-सरकार का फोकस तीन विषयों पर हो सकता है।
-पहला अहम वस्तुओं पर टैक्स की 28 फीसदी दरों को कम करना।
-दूसरा कारोबारियों को जीएसटीएन में आ रही खामियों को दुरुस्त करना।
-तीसरा डिजिटल पेमेंट लेने-देने को और सरल बनाना।
-28 फीसद के टैक्स स्लैब में केवल 62 वस्तुएं ही रह सकती हैं।
-100 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स की दर कम की जा चुकी है।
इन पर है 28 फीसदी टैक्स
गौरतलब है कि अभी वॉशिंग मशीन, फ्रिज, घड़ियां, ऑटोमोबाइल, तंबाकू उत्पाद, सीलिंग फैन, न्यूट्रीशनल ड्रिंक, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स, सीमेंट, प्लास्टिक फर्नीचर और प्लायवुड 28 फीसदी टैक्स स्लैब के तहत आते हैं।
गौरतलब है कि अभी वॉशिंग मशीन, फ्रिज, घड़ियां, ऑटोमोबाइल, तंबाकू उत्पाद, सीलिंग फैन, न्यूट्रीशनल ड्रिंक, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स, सीमेंट, प्लास्टिक फर्नीचर और प्लायवुड 28 फीसदी टैक्स स्लैब के तहत आते हैं।
GSTN की कमियां दूर होंगी
-जीएसटीएन के विषय पर भी आज की बैठक में चर्चा हो सकती है।
-जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश राव के मुताबिक इसकी खामियों को दूर कर हम इसे और भी मजबूत बनाएंगे।
डिजिटल पेमेंट सिस्टम होगा सरल
-डिजिटल ट्रांजेक्शन को और बढ़ावा देने के लिए भी विचार हो सकता है।
-काउंसिल विक्रेता और ग्राहकों के बीच इसे प्रोत्साहित करने के लिए बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
-स्टेट GST के अंतर्गत क्रेडिट और छूट में बड़ी राहत दी जा सकती है।
-विक्रेता को डिजिटल पेमेंट की सहायता से कुछ क्रेडिट मिलेगा, जिसे जीसएटी की लायबिलिटी के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकेगा।
-ग्राहक डिजिटल पेमेंट करेंगे तो उन्हें टैक्स के रूप में कम भुगतान करना पड़ेगा।
-डिजिटल ट्रांजेक्शन को और बढ़ावा देने के लिए भी विचार हो सकता है।
-काउंसिल विक्रेता और ग्राहकों के बीच इसे प्रोत्साहित करने के लिए बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
-स्टेट GST के अंतर्गत क्रेडिट और छूट में बड़ी राहत दी जा सकती है।
-विक्रेता को डिजिटल पेमेंट की सहायता से कुछ क्रेडिट मिलेगा, जिसे जीसएटी की लायबिलिटी के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकेगा।
-ग्राहक डिजिटल पेमेंट करेंगे तो उन्हें टैक्स के रूप में कम भुगतान करना पड़ेगा।