दरअसल तेल की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी बदस्तूर जारी है। 1 अगस्त से पेट्रोल-डीजल GST on Petro And diesel की कीमतों में इजाफा होने का यह सिलसिला शुरू हुआ था। उसके बाद से रोजाना इसके दाम बढ़ते जा रहे हैं। यदि चंद दिन छोड़ दे तो यह इजाफा लगातार जारी है।
इस बीच पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से परेशान लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। जिसके अनुसार आगामी कुछ समय में पेट्रोल-डीजल को सस्ता करने के लिए GST तय GST on Petro And Diesel किया जा सकता है। यह सूचना सामने आते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित विभिन्न जिलों में लोगों के बीच यह चर्चा विषय बना हुआ है।
ये बोले जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन…
दरअसल तेल की ऊंची कीमतों के बीच जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पेट्रो उत्पादों पर जीएसटी की दरें GST on Petro And Diesel तय की जा चुकी हैं। इसके लिए अब बस, तारीख का ऐलान बाकी है जब से यह लागू होगा।
उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक 28 सितंबर को होगी, लेकिन इसमें पेट्रोल को जीएसटी दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी। यह सरकार को तय करना है कि वह कब से पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी दरें लागू GST on Petro And Diesel करती है।
वहीं पूर्व में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी राज्यसभा में कहा था कि ‘संविधान के अनुच्छेद 297A(5) में साफ किया गया है कि ये जीएसटी परिषद को तय करना होगा कि किस तारीख से पेट्रोलियम क्रूड, हाइस्पीड डीजल, मोटर स्पीरिट, प्राकृतिक गैस, जेट फ्यूल पर जीएसटी GST on Petro And Diesel टैक्स लागू किया जाएगा।’
यहां प्रधान ने ये भी कहा था कि इस तरह पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के तहत संवैधानिक स्तर पर शामिल हो चुके हैं। लेकिन इन पर जीएसटी रेट कब से लगेगा, यह फैसला जीएसटी परिषद को लेना है।
– संजय शर्मा, डायरेक्टर निजी फर्म
– राजेश आर्य, निजी कंपनी में कार्यरत, भोपाल
– हरप्रीत व्यास, ग्रहणी
– अशोक जैन, दुकानदार, भोपाल पेट्रोल-डीजल में जीएसटी केवल गाड़ियों को ही प्रभावित नहीं करेगी, ये हमारी किचन पर भी प्रभाव डालेगी। बाजार में भी कई चीजें इसके कारण सस्ती होंगी। जिससे घर का बजट तो प्रभावित होगा ही कुछ बचत भी हो सकेगी।
– शिल्पी झा पाराशर, ग्रहणी
एक ओर जहां इस सूचना के सामने आने से खुश महसूस कर रहे हैं। वहीं कई जानकारों का यह भी कहना है कि अभी राज्यों और केंद्र सरकार का फोकस अभी राजस्व बढ़ाने पर है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू करने की तारीख बाद में तय होगी।
अब तक सामने आ रही जानकारी के अनुसार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जा सकता है। ऐसा होने पर दोनों फ्यूल्स पर 28 पर्सेंट के पीक टैक्स रेट के साथ राज्यों की ओर से कुछ लोकल सेल्स टैक्स या वैट लगाया जा सकता है।
जानकारों के अनुसार पेट्रोल और डीजल पर अभी कुल टैक्स पहले ही पीक रेट से ज्यादा है और टैक्स रेट को केवल 28 पर्सेंट रखा जाए तो केंद्र और राज्यों को राजस्व का बड़ा नुकसान होगा। वहीं बताया जाता है कि केंद्र के पास राज्यों को होने वाले रेवेन्यू के नुकसान की भरपाई करने के लिए पैसा नहीं है।