दरअसल व्यापारियों को 20 जनवरी तक जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल करना था। लेकिन अंतिम दिन तक कई व्यापारी रिटर्न फाइल नहीं कर पाए, नतीजतन उन्हें अगले दिन से 50 रुपए रोज के हिसाब से पैनाल्टी लगना शुरू हो गई। इससे कारोबार जगत में एक तरह से निराशा का भाव भर गया।
उनका कहना है, जब सारे टैक्स इमानदारी से अदा कर रहे हैं फिर सरकार की गलती का खामियाजा हम क्यों भुगते। कई व्यापारियों ने इस संबंध में बताया कि सिस्टम की गलती की सजा उन्हें क्यों मिलती है। जीएसटी कानून लागू होने के ढाई साल बाद भी इस तरह की परेशानी सामने आ रही है। कर सलाहकारों का यह भी कहना है कि जीएसटी में रिटर्न और टैक्स एक साथ जमा होते हैं, उसे अलग-अलग होना चाहिए।
60 लाख रोज का फायदा
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल करने से चूकने पर मध्यप्रदेश के व्यापारियों से करीब 60 लाख रुपए रोजाना का राजस्व सरकार को मिलेगा। इसमें से 50 प्रतिशत राशि सीजीएसटी विभाग को और 50 प्रतिशत राशि एसजीएसटी विभाग को मिलेगी।
मध्यप्रदेश की स्थिति
4.17 लाख व्यापारी रजिस्टर्ड है जीएसटी में
3.54 लाख व्यापारियों को रिटर्न फाइल करना था
2.66 लाख व्यापारियों ने रिटर्न फाइल कर दिया
1.21 लाख व्यापारी रिटर्न भरने से रह गए वंचित
प्रतिशत में
66 प्रतिशत व्यापारियों ने रिटर्न फाइल किया
34 प्रतिशत व्यापारी रिटर्न भरने से चूक गए
जब सारे टैक्स व्यापारी इमानदारी से दे रहे हैं, फिर सिस्टम की गड़बड़ी का भार व्यापारियों पर क्यों डाला जाता है। हालांकि व्यापारी वर्ग को भी अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए। – संजीव मिश्रा, अध्यक्ष, कोलार व्यापारी महासंघ
जीएसटी कानून में बार-बार बदलाव हो रहा है। जो सिस्टम बनाया गया है, उसे अपडेट करना चाहिए। – अजय देवनानी, महासचिव, न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ
पोर्टल की क्षमता बढ़ाना चाहिए। आखिरी समय में ही ज्यादातर व्यापारी रिटर्न फाइल करते हैं, इससे सिस्टम पर लोड बढ़ जाता है। – नवनीत गर्ग, चार्टर्ड एकाउंटेंट