शाहजहांनी पार्क में बैठे अतिथि विद्वानों ने इस प्रक्रिया का विरोध शुरू कर दिया और बीच में ही पार्क में लगे कैम्प में आगजनी की घटना हो गई। घटना के बाद सरकार ने च्वाइस फिलिंग की तारीखों को टाल दिया और अब तक ये तय नहीं हो सका है कि प्रक्रिया दोबारा चालू कब हो पाएगी।
मांग पूरी होने तक करेंगे आंदोलन
शाहजहांनी पार्क में पिछले 41 दिनों से धरने पर बैठे अतिथि विद्वान अभी भी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं। संगठन नेता देवराज सिंह ने कहा कि सरकार ने अपने वचनपत्र में नियमितीकरण की नीति बनाने की घोषणा की थी लेकिन अब इस पर कोई बात तक नहीं करना चाहता है। सिंह ने कहा कि जब तक सरकार नौकरी से निकाले गए अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
अतिथि विद्वानों को चुनिंदा लोग जानबूझकर गुमराह कर रहे हैं जबकि सरकार उन्हें नौकरी पर रखने च्वाइस फिलिंग का अवसर देना चाहती है। नए लोगों को भी प्रक्रिया में शामिल कराने प्रयास किए जा रहे हैं ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके।
जीतू पटवारी, उच्च शिक्षा मंत्री