बड़े पर्दे पर भी चंबल अंचल के गन कल्चर को करीब से दिखाया गया है। बीहड़ में बैंडिट क्वीन से लेकर सोनचिड़िया तक कई फिल्में बन चुकी हैं। यहां पुरुष ही नहीं महिलाएं भी शस्त्र रखने में रुचि दिखाती हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि अकेले मुरैना में 27,458 हथियार दर्ज हैं। चुनाव में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस-प्रशासन ने इनमें से 25,981 शस्त्र जमा करा लिए हैं।
ऐसे समझें प्रकरण-
1. चंबल अंचल के घाटीगांव और तिघरा की कुछ पंचायतों में डकैतों की हलचल का भी अंदेशा जताया जा रहा है। पुलिस अलर्ट मोड पर है।
2. इसी क्षेत्र में पनिहार, बड़ा रायपुर, सिमरिया और रायपुर कलां में कुछ प्रत्याशियों को बूथ कैप्चरिंग का अंदेशा बना हुआ है।
3. उम्मीदवार और उनके समर्थक बंदूक, हैंडपंप, बिजली ट्रांसफॉर्मर से लेकर वोट के बदले तबादले तक का ऑफर दे रहे हैं।
प्रदेश में इस तरह के हथियार जमा हुए
चुनाव को देखते हुए राज्य में बंदूक, पिस्तौल, राइफल जमा करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। बंदूक, एमएल भरमार, 12 बोर, एक नाली, दुनाली, पिस्टल, टोपीदार बंदूक और राइफल थानों में जमा की गई हैं।
चंबल में महिलाएं रखती हैं शस्त्र
ग्वालियर-चंबल अंचल में शस्त्र रखने में महिलाएं भी पीछे हैं। भिण्ड में 628 लाइसेंस महिलाओं के नाम हैं। ऐसे ही मुरैना जिले में 500, शिवपुरी में 123 और दतिया जिले में करीब 463 शस्त्र लाइसेंस महिलाओं के पास हैं।
मुरैना में ज्यादा संवेदनशील बूथ
पंचायत चुनाव में मुरैना में सबसे अधिक 1222 व भिंड में 970 संवेदनशील पोलिंग बूथ हैं। अति संवेदनशील केंद्र सबसे अधिक 239 भिंड में हैं। मुरैना में ये 229 हैं। श्योपुर में 440 व दतिया में 390 केंद्र संवेदनशील हैं।