दरअसल शिवी गुप्ता अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही थी, परीक्षा से 10 दिन पहले ही शिवी के सिर से पांव तक गोली के 22 छर्रे लग गए। गोलियां घर के सामने से निकल रही बारात को देखने के दौरान लगी, उसके बाद सात दिन अस्पताल में रहकर जिंदगी की जंग जीती। डॉक्टर्स शिवी के शरीर से केवल 2 छर्रे ही निकाल सके बाकी छर्रों को निकलाने के लिये सर्जरी की बात कही।
हर्ष फायरिंग में लगी गोली
रीवा के डभौरा कस्बे से लगे मझियारी में 20 फरवरी को एक शादी समारोह था। बारात शिवी के घर के सामने से गुजर रही थी। वह परिवार के सदस्यों के साथ बालकनी से बारातियों के नाच देखने के लिए आ गई। इसी दौरान हर्ष फायरिंग हो गई, गोली सीधे शिवी को आकर लगी जिससे उसके शरीर में 22 छर्रे धस गये। घटना के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां शिवी की जान तो बच गई पर गोली के 22 टुकड़ों में से केवल दो ही निकल सके, गोली के 20 टुकड़े आज भी शिवी के शरीर में हैं।
सर्जरी की थी नौबत
शिवी के परिवार का कहना है कि उसके शरीर में अब भी 20 छर्रे हैं। पिता शेषमणि बताते हैं कि डॉक्टरों ने अस्पताल से छुट्टी देते हुए कहा था कि सर्जरी करनी पड़ेगी।
दर्द सहा पर नहीं टूटा हौसला
इतना दर्द सहने के बावजूद दसवीं की परीक्षा में बैठी शिवी 95.5 प्रतिशत अंक से पास हुई। शिवी का सपना डॉक्टर बनने का है, वह डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है।