भोपाल

Guru Purnima 2018: जानें इस बार क्यों है खास?

अध्यापकों को आज मिल सकता है ये खास गिफ्ट…

भोपालJul 27, 2018 / 10:34 am

दीपेश तिवारी

Guru Purnima 2018: जानें इस बार क्यों है खास?

भोपाल। महर्षि वेद व्‍यास का जन्‍म आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। महर्षि के सम्‍मान में इसे गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई को यानि आज है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना गया है। यह पर्व अपने आराध्य गुरु को श्रद्धा अर्पित करने का महापर्व है। गुरुब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुदेव महेश्वर: , गुरु साक्षात्परब्रह्म तस्मैश्री गुरुवे नम: अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं।

भारतवर्ष में कई विद्वान गुरु हुए हैं, किन्तु महर्षि वेद व्यास प्रथम विद्वान थे, जिन्होंने सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के चारों वेदों की व्याख्या की। वहीं सिख धर्म केवल एक ईश्वर और अपने दस गुरुओं की वाणी को ही जीवन का वास्तविक सत्य मानता है। इसके साथ ही आज ही 27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण पड़ने जा रहा है।

दरअसल इस साल पूर्ण चंद्रग्रहण के साथ ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। हिन्दूकैलेंडर के अनुसार इस दिन यह पर्व मनाया जाएगा। हर साल हिन्दू, बौद्ध और जैन इस त्यौहार को मनाते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। वहीं गुरु की दी गई शिक्षा के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं।

गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। भारत में इस पर्व का खास महत्व है। जानकारों के अनुसार गुरु’ शब्द संस्कृत के दो शब्दों गु’ और रू’ से बना है। गु’ का अर्थ होता है अंधेरा या अज्ञानता और रू’ का तात्पर्य है निवारण’। यानी गुरु का अर्थ हुआ एक ऐसा व्यक्ति जो अज्ञानता रूपी अंधकार को जीवन से मिटा दे।

इस दौरान परंपरागत तौर पर बुद्ध को मानने वाले इस पर्व को भगवान बुद्ध की याद में मनाते हैं। माना जाता है कि वाराणसी के सारनाथ में उन्होंने अपने शिष्यों को पहला उपदेश दिया था। भगवान शिव को दुनिया का पहला गुरु माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर ने सप्तऋषि को योग सिखाया था।

इस दिन भक्त अपने अध्यात्मिक गुरु की पूजा करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। इस दिन लोग मंदिर में जाकर अपने उपासक की आराधना करते हैं। अधिकांश लोग इस दिन व्रत रखते हैं। वहीं आश्रमों में छात्र अपने गुरु की पूजा करते हैं।

पूर्णिमा तिथि कब शुरू होगी : 26 जुलाई, 2018 को रात 11:16 pm बजे पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी।
पूर्णिमा तिथि कब समाप्त होगी : 28 जुलाई 2018 को सुबह 1:50 am बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी।

गुरुओं को मिल सकता है खास तोहफा…
इसके अलावा नेपाल में गुरु पूर्णिमा के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है और इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं भारत के मध्यप्रदेश में भी इस बार गुरुपुर्णिमा को खास माना जा रहा है।

दरअसल मध्यप्रदेश लंबे समय से संविलियन का इंतजार कर रहे अध्यापकों को आज संविलियन आदेश जारी होने का इंतजार है। अभी पिछले दिनों सीएम शिवराज ने सोमवार को अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन adhyapak samvilian aadesh in mp के आदेश जारी करने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को ये आदेश जारी नहीं किए गए।

इसके बाद जो नई सूचना सामने आ रही थी उसके अनुसार सरकार अध्यापकों को ये तोहफा उनके ही खास दिन यानि गुरुपूर्णिमा को देने का मन बना चुकी है।

दरअसल कुछ संगठनों ने दावा किया कि 27 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के मौके पर यह आदेश जारी होंगे। इसके पीछे का कारण यह बताया जाता है कि पिछले साल भी अध्यापकों को छठवां वेतनमान और समान काम-समान वेतन के आदेश adhyapak samvilian aadesh latest news भी इसी दिन हुए थे।

राज्य अध्यापक संघ की ओर से मिली जानकारी के अनुसार संगठन के प्रांतीय नेतृत्व को सरकार की ओर से यह संकेत मिले हैं कि संविलियन के आदेश गुरु पूर्णिमा पर जारी होंगे। पिछले साल भी इसी दिन ही शिक्षकों को समान काम समान वेतन के आदेश जारी हुए थे। इसी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

ये होगा फायदा…
सरकार की ओर से मिलने वाले इस तोहफे के साथ ही यानि संविलियन होते ही अध्यापकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिल जाएगा। जिसके बाद इन्हें 7वां वेतनमान भी मिलेगा। इससे एक अध्यापक को हर महीने 5 से 8 हजार रुपए तक का फायदा भी होगा।

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