यात्रियों का कहना की हबीबगंज स्टेशन पर आरक्षित (रिर्जेवेशन) के लिए केवल दो से तीन खिड़कियां ही खुली रहती है बाकि सभी खिलकियां हमेशा बंद रहती है जिस कारण आरक्षित (रिर्जेवेशन) कराने में जहां 10 से 15 मिनट लगना चाहिए वहां एक से दो घंटे लगते है।
गौरतलब है कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन को एक ओर वर्ल्ड क्लास का सर्वसुविधा युक्त स्टेशन बनाने की दिशा में काम लम्बे समय से चल रहा है। वहीं हालत ये देखने को मिल रहे है, आरक्षण टिकट काउंटर 10 से अधिक है लेकिन खुलते सिर्फ दो से तीन है।
स्टॉफ की कमी के चलते नहीं खुलते…
रोजाना दो काउंटर पर ही लम्बी-लम्बी कतार में लोगों को घंटो बाद टिकट आराक्षण का टिकट मिल रहा है। इतना ही नहीं नीचे के फ्लोर पर ही अनारक्षित व तत्काल टिकट काउंडर के लिए भी 12 खिड़किया बनी हुई है, लेकिन खुलती दो से तीन ही है। टिकट के लिए परेशान होने वाले लोगों के पूछने पर बताया जा रहा है कि स्टॉफ की कमी के चलते ज्यादा काउंटर नहीं खोले जा रहे है।
शाम को ज्यादा परेशान होते है यात्री…
साफ-सफाई से लेकर व्यवस्था तक वर्तमान में हबीबगंज रेलवे स्टेशन की भोपाल रेलवे स्टेशन से बेहतर रखी गई है। अब तो इसे वल्र्ड क्लास बनाने के लिए निरंतर काम चल रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ज्यादातर यात्री भी हबीबगंज से ही टिकट ले रहे है।
इसके बाद भी यहां 10 से अधिक टिकट काउंटर में से दो से तीन ही खोले जा रहे है। इसी तरह अनारक्षित/तत्काल टिकट काउंटर पर शाम को ट्रेनों के लिए टिकट लेनें के लिए दो से तीन खिडकियां खुली रहती है, जबकि गाड़ी पकडऩे के लिए यात्रियों में टिकट को लेकर मारामारी मची रहती है।
कंफर्ममेशन पूरी तरह नहीं मिलती…
यात्रियों का कहना है कि ऑनलाइन टिकट से कंफर्ममेशन पूरी तरह नहीं मिलती। भोपाल रेलवे स्टेशन पर तो कुछ प्राइवेट टिकट मिल जाते है। उसके लिए प्राइवेट टिकट मिलने की व्यवस्था भी की गई है, जबकि इमरजेंसी में हबीबगंज स्टेशन के अंदर व स्टेशन के बाहर इसकी सुविधा नहीं दी जा रही है।