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डार्कनेट से क्रेडिट कार्ड हैक कर डेढ़ साल में 62 लाख की ठगी

locationभोपालPublished: Sep 02, 2018 09:09:07 am

Submitted by:

Krishna singh

पुलिस हैकर तक सीधे पहुंच न सके इसलिए चैन बनाकर करते थे धोखाधड़ी

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crime in bhopal

भोपाल. साइबर क्राइम पुलिस ने ऐसे संगठित साइबर अपराधी गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डार्क नेट से के्रडिट कार्ड की जानकारी चुराकर लोगों के बैंक एकाउंट हैक करते थे। गिराह का सरगना इतना शातिर है कि पकड़ में न आए इस लिए वो एजेंट की मदद से काम करता था। बिजली बिल, पोस्टपेड मोबाइल बिल और एयर टिकट करते थे। ये लोग पिछले डेढ़ साल में 19 खाते से 62 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं। गिरोह में केंद्रीय मंत्रालय के प्रथम श्रेणी ऑफिसर का बेटा भी शामिल है। विशेष पुलिस महानिदेशक साइबर अपराध अरुणा मोहनराव ने बताया कि इंदौर निवासी साहयक प्राध्यापक ने शिकायत कर बताया बिना खाते की जानकारी साझा किए हुए 16 हजार रुपए ट्रांसफर हो गया। एसएमएस में पर्याप्त जानकारी नहीं होने के बाद पुलिस ने सभी बड़ी पेमेंट कंपनियों से संपर्क किया। एक कंपनी ने पुलिस को बताया कि साहायक प्राध्यापक के खाते से पंजाब में किसी कंपनी का 2 लाख 16 हजार रुपए का बिजली बिल भरा गया। ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
सबसे पहले पुलिस ने पहली कड़ी पंजाब के नरेश को गिरफ्तार किया। उसने बताय बिल भरने के एवज में गिरोह से उसे दस हजार रुपए कैश बैक दिया गया। गिरोह ने वॉट्सएप पर एक गु्रप बना रखा है जो लोगों को फंसाता है। गिरोह के सदस्य लोगों को ऑफर देते है कि यदि वे उनके माध्यम से बिल आदि का भुगतान करेंगे तो उन्हें भारी डिस्काउंट दिया जाएगा। लोग उन्हें भुगतान कर देते हैं। इसके बाद वे उस राशि को कई एजेंटों के माध्यम से ऑन लाइन इधर से उधर धुमते रहते हैं जिससे कोई सीधे उन्हें पकड़ न सके। जिसके बदले में सबको कमीशन मिलता था। अंत में ये राशि सरगना के खाते में पहुंची थी। वहीं सरगना डार्कनेट से किसी भी व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटाकर उसके खाते से बिल का भुगतान कर देता था। साइबर एडीजी सुदीप गोयनका ने बताया कि अगर हैकर रुपए सीधे अपने खाते में जमा कराएगें तो वो पकड़ में आ जाएगें। ऐसे में वो कई चेन बनाते थे। पुलिस यह देखेगी कि रुपया किसके खाते में गया। उस खातेदार को पकड़ेगी उसके बाद संबंधित एजेंट को।
प्रांजल और प्रीतम करते थे एकाउंट हैक
पुलिस ने इस मामले में अभी तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार प्रांजल और प्रीतम खाते हैक करने का काम करते थे। उनका एक और साथी दीपक अभी तक पकड़ में नहीं आ सका है बताया जाता है कि वह गिरोह का मुखिया था। बाकी तीन साथी एजेंट हैं जो लोगों को ऑफर देकर अपने झांसे में लेते थे। प्रांजल और प्रीतम एक साथ पढ़ते थे। प्रीतम छठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। वहीं प्रांजल अभी बीटेक कर रहा है। प्रांजल के पिता केंद्रीय विभाग में प्रथम श्रेणी के अधिकारी हैं।
ये आरोपी गिरफ्तार
1. प्रांजल सिंह पिता ऐशवीर सिंह (20) निवासी दिल्ली। वह बीटेक का छात्र है।
2. प्रीतम मिश्रा उर्फ प्रीत (35) नई दिल्ली, छठवीं पास
3. मोहित कुमार पिता प्रमोद (22) बीटेक
4. रतन उर्फ राजीव धनानी (22) निवासी कोलकाता, बीकॉम
5. नरेश कुमार पिता तरसेम चंद (26) पंजाब, बीए

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