दो मजदूर भी सरियों से लटक गए। उनको किसी तरह बचाया गया। इस हादसे में तीन मजदूर भूरी बाई, आशा बाई और महेश घायल हो गए जिन्हें तत्काल हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना सुबह करीब 11 बजे की है।
गौरतलब है कि यहां को 2000 बिस्तरों के अस्पताल के लिए छह मंजिला भवन तैयार किया जा रहा है। अधीक्षक ऑफिस के सामने वाले ब्लॉक में पहली मंजिल पर छत और छज्जे की सीसी डालने सेंटिंग बांधने का काम अंतिम चरण में चल रहा था ताकि छत डाली जा सके। बताया जा रहा है कि जहां सेंटिंग लगाई जा रही थी वहां पानी भी पड़ा हुआ था। सेंटिंग का सामान लाते समय दौरान एक मजदूर का पैर फिसल गया, ऐसे में उसने गिरने से बचने के लिए एक पाइप पकड़ लिया। जिससे पाइप हिल गया और सेंटिंग का एक हिस्सा गिर पड़ा। यह इतनी जल्दी हुआ कोई समझ नहीं पाया। सामग्री गिरने का शोर सुनकर वहां में अफरातफरी मच गई।
कमिश्नर ने लगाई डॉक्टरों की फटकार
घटना की जानकारी लगते ही संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत मौके पर पहुंच गए। जब वे घायलों को देखने पहुंचे तो पता चला कि मजदूरों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस पर उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर को जमकर फटकारा। उन्होंने कहा कि मजदूरों को इतनी जल्दी डिस्चार्ज करने की क्या जरूरत थी। इधर इस घटना के बाद बाकी मजदूरों ने ठेकेदार पर इलाज नहीं करवाने का आरोप लगाया। जितेन्द्र ने बताया कि ठेकेदार मुआवजा नहीं देना चाहता इसलिए अस्पताल में भर्ती नहीं होने दिया।
सेंटिंग गिरने से तीन मजदूर आंशिक रूप से घायल हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में उपचार देकर घर भेज दिया गया। किसी भी मजदूर को गंभीर चोट नहीं आई है।
– डॉ. एके श्रीवास्तव, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल