बता दें कि इसके पहले बीते गुरुवार को भी जुलानिया का औचक निरीक्षण होना था। लेकिन शाम तक जुलानिया का दौरा रद्दा हो गया था। अस्पताल में इसकी सूचना मिलते ही गुरुवार की सुबह से साफ-सफाई की गई थी। लेकिन शाम तक जुलानिया का दौरा रद्दा होने से अस्पताल की अव्यवस्था और लापरवाही वैसे का वैसा हो गया था।
दरअसल, शुक्रवार को भी औचक निरीक्षण की सूचना मिलते ही अस्पताल में हर रोज आने वाले लापरवाही के मामलों को देखते हुए विभाग ने अस्पताल की चौकसी शुरू कर दी है। इसी के चलते अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने व यहां का निरीक्षण करने अवर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया अस्पताल आने वाले थे, लेकिन गुरुवार की शाम तक ऐन मौके पर जुलानिया ने अपना निरीक्षण दौरा रद्द कर दिया था।
वहीं इससे पहले इस संबंध में जानकारी मिलते ही अस्पताल में साफ सफाई के काम जोरों पर शुरू हो गया। राधेश्याम जुलानिया अपनी कार्यशैली के चलते हमेशा ही चर्चा में रहे हैं, साथ ही वे एक सख्त अफसर माने जाते हैं। वे अव्यवस्थाओं के चलते वे पहली बार अस्पताल के निरीक्षण के लिए आ रहे हैं।
अभी कुछ समय पहले ही हमीदिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टर और परिजनों के बीच हुई मारपीट हो गई थी। ये घटना वीडियो में कैद हुई इससे 10 दिन पहले भी ऐसी ही घटना सामने आ चुकी थी। जिसके बाद एएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं।
इस मामले में एएसपी ने मामले की जांच के आदेश देते हुए कहा था कि रिपोर्ट आने के बाद दोषी डॉक्टर्स को बक्शा नहीं जाएगा। सख्ती से निपटते हुए उन पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर जानकारी के अनुसार अस्पताल में परिजनों के रुकने की व्यवस्था नहीं होने के चलते यहां कड़ाके की ठंड कर बावजूद मरीजों के परिजन बच्चों के साथ बाहर बैठने को मजबूर हैं।
शुक्रवार को भी सुबह से ही हमीदिया अस्पताल में निरीक्षण के लिए अवर मुख्य सचिव जुलानिया के आने की चर्चा चल रही थी, लेकिन जुलानिया हमीदिया अस्पताल न जाकर सीधे सुलतानियां अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके पहले गुरुवरा को भी जुलानिया का औचक निरीक्षण होना था, जो शाम तक रद्द कर दिया गया था। जिसके चलते अस्पताल प्रशासन की तैयारियां धरी रह गईं। वहीं इस दौरान मरीजों के परिजनों को भी परेशान होना पड़ा, क्योंकि सूत्रों के अनुसार जुलानिया के आगमन से टेंशन में आए प्रशासन ने अस्पताल को सुव्यवस्थित दिखाने की तैयारियों के तहत कई परिजनों को अस्पताल के बाहर कर दिया था साथ ही जुलानिया जी के जाने तक अस्पताल में प्रवेश नहीं करने की भी हिदायत दी थी। इस दौरान परिजन बाहर ही परेशान होते रहे।