कमिश्नर अजातशत्रु श्रीवास्तव ने बताया कि लोक निर्माण विभाग दस जनवरी को नई बिल्डिंग गांधी मेडिकल कॉलेज को सौंप देगा। गौरतलब है कि हमीदिया में 2008 में नई ओपीडी बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। निर्माण कार्य पूरा करने की डेडलाइन 2010 तय थी, लेकिन अब तक काम चल रहा है। इसके चलते बीते सालों में सात करोड़ रुपए की लागत वाले नए ओपीडी भवन की मौजूदा लागत 37.7 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है।
मार्च में शुरू हो जाएगी मल्टी लेवल पार्किंग
कमिश्नर श्रीवास्तव के मुताबिक नई ओपीडी के साथ ही दो महीनों में अस्पताल की मल्टी लेवल पार्किंग भी शुरू हो जाएगी। 280 कारों और इतने ही दोपहिया वाहनों की क्षमता वाली इस पार्किंग के शुरू होने से अस्पताल की बड़ी समस्या दूर हो जाएगी।
कमिश्नर श्रीवास्तव के मुताबिक नई ओपीडी के साथ ही दो महीनों में अस्पताल की मल्टी लेवल पार्किंग भी शुरू हो जाएगी। 280 कारों और इतने ही दोपहिया वाहनों की क्षमता वाली इस पार्किंग के शुरू होने से अस्पताल की बड़ी समस्या दूर हो जाएगी।
कहां क्या होगा
-बेसमेंट : एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच
-ग्राउंड फ्लोर : इमरजेंसी कॉम्प्लेक्स
-फस्र्ट फ्लोर : ओपीडी
-सेकेंड फ्लोर : ओपीडी
-थर्ड फ्लोर : 75 बिस्तरों की क्षमता वाले वार्ड
-फोर्थ फ्लोर : ओटी कॉम्प्लेक्स (सभी विभागों के एक दर्जन से ज्यादा ओटी)
-बेसमेंट : एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच
-ग्राउंड फ्लोर : इमरजेंसी कॉम्प्लेक्स
-फस्र्ट फ्लोर : ओपीडी
-सेकेंड फ्लोर : ओपीडी
-थर्ड फ्लोर : 75 बिस्तरों की क्षमता वाले वार्ड
-फोर्थ फ्लोर : ओटी कॉम्प्लेक्स (सभी विभागों के एक दर्जन से ज्यादा ओटी)
मरीजों को नहीं होगी असुविधा नए ओपीडी होने के बाद से एम्स हॉस्पिटल में अब मरीजों को ज्यादा देर तक लाइन में नहीं लगना होगा। मरीज के परीजनों को रूकने के लिए भी व्यवस्था की गई है। अब मरीज के लिए 75 बिस्तरों की तैयारी भी पूरी हो चुकी है। प्रशासन ने बताया कि 26 जनवरी को इन भवन का लोकार्पण किया जाएगा। जिसके बाद से आम मरीजों के लिए ये ओपीडी खुला रहेगा।