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यह है बजरंगबली का व्हाट्सअप नंबर, मैसेज करने वालों की करते हैं मनोकामना पूरी

locationभोपालPublished: Jul 26, 2018 01:14:37 pm

Submitted by:

Manish Gite

यह है बजरंगबली का व्हाट्सअप नंबर, मैसेज करने वालों की करते हैं मनोकामना पूरी, यह लोगों की आस्था ही है कि जो लोग मंदिर नहीं जा पाते, वे वाट्सअप पर…।

hanuman temple

 

भोपाल। यह आस्था ही है कि जो लोग मंदिर नहीं जा पाते, वे अपनी मनोकामना मंदिर तक जरूर पहुंचा देते हैं। लोगों का भरोसा है कि महज एक वाट्सअप पर दी गई हनुमानजी को अर्जी स्वीकार हो जाती है और हमारी मनोकामना पूरी हो जाती है।

आप भरोसा करें या न करें लेकिन भोपाल में ऐसा ही आस्था का अनोखा केंद्र है, जहां लोगों की मनोकामना वाट्सअप पर मैसेज भेजने भर से पूरी हो जाती है। खासकर बच्चों की पढ़ाई, अच्छी नौकरी या किसी के अच्छे स्वास्थ्य और शादी के लिए यहां अर्जी लगती है। भोपाल के नेहरू नगर में अर्जीवाले हनुमानजी के नाम से प्रसिद्ध है यह मंदिर।

कई बच्चे जो पढ़ाई-लिखाई के लिए बड़े शहरों में चले गए हैं, लेकिन उनकी आस्था आज भी अर्जीवाले हनुमानजी में है। इसके अलावा कई लोग जो बाहर नौकरी कर रहे हैं वे भी इस मंदिर तक नहीं पहुंच पाते, लेकिन वे हनुमानजी तक अपनी मनोकामना पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं।

 

आसपास के लोग बताते हैं कि पहले इस मंदिर में चिट्ठी और पत्रों के जरिए भगवान के चरणों में मुराद के लिए अर्जी लगाई जाती थी। अब आधुनिक दौर में लोगों की श्रद्धा भी सोशल मीडिया पर उमड़ पड़ी है। समय बचाते हुए यह लोग अपने सगे-संबंधियों के जरिए या सोशल मीडिया और वाट्सएप के अर्जी मैसेज कर देते हैं। उनके रिश्तेदार या मंदिर के पुजारी वह मैसेज भगवान की मूर्ति के समक्ष पढ़ देते हैं।


कई सालों से है लोगों की आस्था
नेहरू नगर स्थित अर्जी वाले हनुमान मंदिर के पुजारी पं. नरेन्द्र दीक्षित बताते हैं कि यहां वर्षों से लोग अपनी मन्नत के लिए दरबार में अर्जी लगाने आ रहे हैं। इनमें से कई भोपाल से बाहर रहने चले गए हैं। कोई बेंगलूरु, पुणे, मुंबई तो कोई दिल्ली, हिमाचल, पंजाब में बस गया है। लेकिन, भावनाओं के साथ वे इस मंदिर के साथ आज भी जुड़े हुए हैं। आप भी यदि पूरी श्रद्धा के साथ हनुमानजी से प्रार्थना करेंगे तो आपकी भी मनोकामना पूरी हो जाएंगी।


WHATSAPP पर भेजी पहली अर्जी
पंडित नरेंद्र दीक्षित बताते हैं कि चार साल पहले वाट्सअप पर पहल बार अर्जी एक राहुल गुप्ता नामक भक्त ने लगाई थी। पहले तो हम भी हैरान रह गए थे, लेकिन बच्चे की आस्था थी, तो भगवान की मूर्ति के समक्ष यह संदेश पढ़कर सुना दिया। इसके बाद उसके कई परिचितों ने भी इसी प्रकार से अर्जियां लगाना शुरू कर दिया। यदि कोई भक्त दूसरे शहर में अस्पताल में भर्ती है, तो वह फोन पर भी जल्द स्वस्थ होने की कामना हनुमानजी से करते हैं। पं. दीक्षित के अनुसार कई परिजनों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मंदिर के पूजन और आरती का वीडियो दिखाया तो उनके स्वास्थ्य में अपेक्षाकृत ज्यादा लाभ मिला। जिन्हें भी अपनी मनोकामना व्यक्त करना हो वे हनुमानजी के 9827331604, 8319318822 नंबर पर वाट्सअप कर सकते हैं। उनकी यह अर्जी भगवान के समक्ष पढ़कर सुनाई जाएगी।

 

मूर्ति के सामने पढ़ देते हैं संदेश

मंदिर में आने वाले भक्त सफेद कागज पर अर्जी लिखकर नारियल में नाड़े से बांधकर भगवान के चरणों में अर्जी लगाते हैं। जबकि अन्य शहरों के भक्त संदेश को टाइप कर वाट्स एप के जरिए भी पंडितजी के मोबाइल पर भेजते हैं। इसके बाद पंडितजी भक्त के इस संदेश को हनुमानजी की प्रतिमा के सामने पढ़कर सुनाते हैं। भक्तों की आस्था है कि इससे उनके मन को शांति मिलती है और मनोकामना भी पूरी हो जाती है।

 

 

 

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हनुमानजी के कान में लगा देते हैं मोबाइल
यही प्रक्रिया Facebook के जरिए भी दोहराई जाती है। इस पर आने वाले संदेशों को भी भगवान को सुनाया जाता है। वहीं कई भक्तों के पंडितजी के मोबाइल पर आते हैं और कहते हैं कि भगवान को अपनी समस्या सुनाना चाहते हैं, तो वे अपना मोबाइल भगवान के कानों में लगा देते हैं।

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