भोपाल

राजधानी में पढ़े-लिखे लोग भी कर रहे भिक्षावृत्ति

खुशहाल-नौनिहाल अभियान की टीम के सर्वे में सामने आई भिखारियों की हकीकत

भोपालMar 17, 2019 / 07:02 am

सुनील मिश्रा

भिक्षा मांगने घर पहुंची साधुओं की टोली, महिला ने खुशी से कहा- ये तो 17 साल पहले खोया हुआ मेरा बेटा है

सड़कों और चौराहों पर भिक्षावृत्ति करने वालों को हम अक्सर अनपढ़ या लाचार समझते हैं और उन्हें कुछ रुपए दान दे देते हैं। लेकिन, राजधानी में कुछ ऐसे भिखारी भी हैं, जो पढ़े लिखे हैं और सरकारी फार्म भरना भी जानते हैं। यह खुलासा शनिवार को खुशहाल-नौनिहाल अभियान के तहत न्यू मार्केट पहुंची सर्वे टीम से सामने हुआ।
यहां टीम ने एक महिला भिखारी से जैसे ही उसके बारे में पूछताछ की और फार्म भरा तो उसने कहा पहले फार्म मुझे दिखाओ, इसमें क्या भर रहे हो। इसके बाद उसने पूरा फार्म पढ़ा और कुछ गलत न पाए जाने पर ठीक है कहकर फार्म दे दिया। महिला ने बताया कि वह सागर से महीने में दो दिन भोपाल आती है। उसका एक 10 साल का बच्चा है, जो स्कूल जाता है और तीन साल की एक बच्ची है, जो उसके साथ ही थी।
शनिवार शाम शनि मंदिर, काटजू अस्पताल, रंगमहल चौराहा, रोशनपुरा चौराहा, खेड़ा पति हनुमान मंदिर व न्यू मार्केट टॉप एंड टाउन पर सर्वे किया गया। इसमें पांच बच्चों के साथ तीन महिलाएं मिली। दो बच्चे भोपाल से बाहर के थे बाकी सभी भोपाल के। इन्हें समझाइश देकर छोड़ दिया गया है। तीन बच्चे अपनी मां के साथ मिले जबकि दो अकेले।
इधर सुबह साढ़े नौ बजे से बिट्टन मार्केट चौराहा, अरेरा पेट्राल पंप मंदिर व मस्जिद के पास हनुमान मंदिर पर खुशहाल नौनिहाल, भिक्षामुक्त बचपन अभियान के सर्वे कार्य कर बच्चों को चिन्हित किया गया। उन्हें समझाइश दी गई वहीं सर्वे फार्म भरकर उन्हें जाने दिया गया। इसके चलते 47 बच्चों के साथ 14 महिलाएं, 3 पुरुष पाए गए। संख्या में 2 महिलाएं व 6 बच्चे कान्हासैया के 2 बच्चे रविशंकर अन्य श्याम नगर के पाए गए। जिन्हें समझाइश देकर उनके घर वापस भेजा गया।
बच्चों से शिक्षा के संबंध में पूछे जाने पर पता चला कि वे केंद्र क्रमांक 753 श्याम नगर गीता मिश्रा के यहा पढऩे जाते है। तत्काल आंगनवाड़ी से कार्यक्रता सहायिका को बुलाया गया जिसमें सहायिका पहुंची बाद में केंद्र का भ्रमण कर वहा सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिका के साथ बैठक की गई।

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