इसका मास्टर माइंड चंद्रभूषण बजाज है, जो दिल्ली में रह करता है। ये कारोबारी तीन तरह से करोड़ों का हवाला करते थे, इसमें पहला,सूटकेस कंपनी बनकार उसके महंगे शेयर खरीदना, दूसरा, कारोबारियों से नकद राशि लेकर चैक के माध्यम से राशि वापस करना और तीसरा, सामान खरीदने के नाम पर अपनी ही एक दर्जन से अधिक कंपनियों को करोड़ों रुपए चेक के माध्यम से भुगतान करना है।
सरावगी ने करीब ढाई सौ से अधिक कंपनियां बनाए जाने के दस्तावेज आयाकर विभाग को मिले हैं।
कंपनियों के माध्यम से अब तक करीब 270 करोड़ रुपए से अधिक का हवाला करोबार पकड़ाया है, जबकि करीब तीन सौ करोड़ से अधिक का हवाले की जांच चल रही है।
कंपनियों के माध्यम से अब तक करीब 270 करोड़ रुपए से अधिक का हवाला करोबार पकड़ाया है, जबकि करीब तीन सौ करोड़ से अधिक का हवाले की जांच चल रही है।
हवाला कारोबार में कई निजी बैंक भी शामिल हैं, जिनके माध्यम से करोड़ों की राशि को अपने रिकार्ड में नहीं दिखाया जाता था। नोटबंदी के दौरान कालेधन को किया सफेद नोटबंदी के दौरान कारोबारियों से कमीशन लेकर कालेधन को सफेद किया है। उन कारोबारियों के भी दस्तावेज और अहम जानकारी आयकर विभाग के हाथ लगी है। वहीं दिल्ली निवासी चंद्रभूषण बजाज की जांच के लिए दिल्ली इंवेस्टिगेशन विंग को दस्तावेज भेज दिया गया है।
कलकत्ता के बांका से बनवाई थी सारी कंपनियां
मुम्बई निवासी बीके बांका और चामलिया सीए से सरावगी ग्रुप ने ढाई सौ से अधिक सूटकेस कंपनियां बनाने की जनकारी आयकर विभाग को मिली है। इनमें ज्यादातर कंपनियों का पता दिल्ली, मुम्बई और कलकत्ता का है। बांका अब तक करीब 18 सौ से अधिक कंपनियां बना चुका है। उसने अपने बयान में आयकर विभाग को बताया है कि वह कमीशन लेकर लोगों के लिए कंपनियां बनाने का काम करता है।
मुम्बई निवासी बीके बांका और चामलिया सीए से सरावगी ग्रुप ने ढाई सौ से अधिक सूटकेस कंपनियां बनाने की जनकारी आयकर विभाग को मिली है। इनमें ज्यादातर कंपनियों का पता दिल्ली, मुम्बई और कलकत्ता का है। बांका अब तक करीब 18 सौ से अधिक कंपनियां बना चुका है। उसने अपने बयान में आयकर विभाग को बताया है कि वह कमीशन लेकर लोगों के लिए कंपनियां बनाने का काम करता है।