गाड़ियों का इंतजार इसलिए भी हो रहा लंबा दरअसल गाड़ियों की लंबी वेटिंग के पिछे दो महत्वपूर्ण कारण बताए जा रहे हैं। पहला कारण है कि कोरोना के बाद लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के दूरी बना ली है। हाइजिन के चलते लोग अकेले सफर करना पसंद करने लगे है। इसलिए लोगों का फोर व्हीलर गाड़ियों के प्रति रूझान बढ़ा है। इसलिए कोरोना के बाद गाड़ियों के डिमांड इतनी बढ़ गई कि उतना प्रोडक्सन नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरा बड़ा कारण सेमी कंडक्टर चिप की कमी। खैर सितंबर माह में इस चिप की सबसे ज्यादा कमी थी। लेकिन अब काफी हद तक ये कमी धीरे- धीरे कम हो रही है। लेकिन अभी भी पूरी तरह से सप्लाई शुरू नहीं हुई है। इसलिए गाड़ी तैयार भी हो जाती है तो बगैर चिप डिलेवरी नहीं हो पाती है। अभिलाश ने बताया कि 3 महीने पहले गाड़ी बुक की थी। लेकिन वेटिंग बढ़ती ही जा रही है। अभी तक गाड़ी नहीं मिली है।
वर्षों बाद हैचबैक कारों के वर्चस्व को एसयूवी ने तोड़ा इनदिनों बाजार में एसयूवी की जबरदस्त मांग है। इसी का नतीजा है दिग्गज फोर व्हीलर बनाने वाली कंपनियां नई- नई एंट्री लेवल एसयूवी बाजार में उतार रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कई सालों बाल हैचबैक कारों के वर्चस्व को एसयूवी ने तोड़ा है। हैचबैक का मार्केट 45 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत में आ गया है। जबकि एसयूवी का मार्केट 32 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यानी की हैचबैक कारों के बाजार में 5 प्रतिशत की गिरावट और एसयूवी के मार्केट में 8 प्रतिशत की तेजी आई है।
मध्यप्रदेश का फैक्ट फाइल प्रदेश में 2020-21 में 1,21,127 कारें बिकी वर्ष 2021-22 में तक1,23,853 कारें बिकी एक्सपर्ट व्यू डिमांड बहुत ज्यादा है उतनी सप्लाई नहीं हो पा रही है। गाड़ियों के कुछ वैरिएंट में 8 से 9 महीने की वेटिंग चल रही है। दरअसल इसके पीछे का कारण ये समझ आता है कि लोग अब पैसा रखने के बजाय खर्च करने पर ज्यादा विश्वास करने लगे हैं और लोगों की बैंक कैपिसिटी भी बढ़ी है।
रमेश नेनवानी, फोर व्हीलर कारोबारी